18 को रिलीज होगी फिल्म Naxalite, देवघर की पायल कश्यप ने किया है निर्देशन Ranchi News
Naxalite Movie. झारखंड और बिहार के सात जिलों के सिनेमा हॉल में फिल्म का प्रदर्शन होगा। फिल्म की शत -प्रतिशत शूटिंग देवघर में हुई है।
रांची, [नवीन शर्मा]। देवघर की रहनेवाली डायरेक्टर पायल कश्यप की फिल्म नक्सलाइट 18 अक्टूबर को रिलीज हो रही है। यह फिल्म झारखंड और बिहार के सात जिलों के सिनेमा हॉल में दिखाई जाएगी। फिल्म की शत प्रतिशत शूटिंग देवघर में हुई है। यह फिल्म झारखंड के देवघर, मधुपुर, दुमका, जामताड़ा, गिरिडीह तथा बिहार के जमुई, भागलपुर, कहलगांव व झाझा के सिनेमा हॉल में प्रदर्शित की जाएगी।
फिल्म का निर्माण मयूरी मोशन फिल्म्स और रेणुका जगदीश फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले संयुक्त हुआ है। फिल्म की डायरेक्टर पायल कश्यप ने बताया कि राज्य सरकार की फिल्मों को प्रोत्साहित करने की नीति और देवघर की सुंदरता ने उन्हें आकर्षित किया। इसलिए फिल्म की पूरी शूटिंग देवघर में की गई।
वैसे भी नक्सलवाद की थीम पर बनी फिल्म के लिए देवघर का पहाड़ी इलाका उपयुक्त लोकेशन था। साथ ही आसपास के संताल बाहुल्य गांव की अद्भुत सुंदरता ने फिल्मांकन में चार चांद लगा दिये। बिना सेट लगाये ही तैयार सेट मुझे मिला। पायल ने इससे पहले नेवर अगेन निर्भया नाम की फिल्म बनाई थी जो दिसंबर 2018 में रिलीज हुई थी।
फिल्म की डायरेक्टर पायल कश्यप।
नक्सलवाद देश की सबसे बड़ी आंतरिक चुनौती
फिल्म की विषय वस्तु पर चर्चा करते हुए पायल ने कहा कि आजादी के बाद नक्सलवाद देश के सामने सबसे बड़ी आंतरिक चुनौती बन कर उभरा है। इस वाद के समर्थक मानते हैं कि सत्ता बंदूक की नली से निकलती है। इस फिल्म के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गई है कि बंदूक की नली से सिर्फ और सिर्फ आतंक ही निकल सकता है। बंदूक से समस्या का समाधान कभी नहीं हो सकता है। शांति की राह ही वो राह है जिस पर चल कर हर समस्या का समाधान ढूंढा जा सकता है।
नक्सलाइट का देवघर कनेक्शन
फिल्म नक्सलाइट की देवघर में न सिर्फ शत प्रतिशत शूटिंग की गई बल्कि कास्ट और क्रू में भी यहां के कई कलाकार शामिल हैं। इनमें विजय सिंह सोलंकी (सहायक निर्देशक सह पटकथा लेखक),दिवाकर तिवारी (मुख्य विलेन) तथा नक्सलाइट की भूमिका निभानेवाले बबलू साह,आनंद राणा गौरव गोरे (हास्य कलाकार) तपेशा नंद माथुर(हवलदार), नितान्त मेहरा, मुकेश केशरी व मुक्ता (सहायक निर्देशक) शामिल हैं। इनके अलावा डॉल्फिन डान्स ग्रुप के कई डांसर फिल्म से जुड़े हैं।
झारखंड में है फिल्म निर्माण की असीम संभावनाएं
झारखंड में फिल्म निर्माण की संभावना पर चर्चा करते हुए पायल ने कहा कि झारखंड में पहाड़, जंगल व जलप्रतापों के प्राकृतिक सौंदर्य के कारण एक से बढ़ कर एक लोकेशनों की भरमार है। यहां के लोकेशन मुम्बई के बनाए आर्टिफिशियल लोकेशनों पर भारी पड़ते हैं। ये फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए काफी है। इसके साथ ही रघुवर सरकार की फिल्मों को प्रोत्साहित करनी की नीति सोने पे सुहागा का काम कर रही है। इस कारण राज्य में फिल्म निर्माण की असीम संभावनाएं हैं।