इंटरनेशनल वाटर फेस्टिवल में कैनवास पर उतरा झारखंड, प्रकृति की गोद में हुई रंगों की बारिश
अंतरराष्ट्रीय वाटर कलर महोत्सव में देश-विदेश के चित्रकारों ने अपनी पेंटिग्स से मन मोह लिया।
रांची, जासं। अंतरराष्ट्रीय वाटर कलर महोत्सव के दूसरे दिन राजधानी के आड्रे हाउस में रंगों की बारिश हो रही है। यह रंग खास है। सावन का महीना है। पवन का शोर है। रिमझिम फुहार है। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कलाकार हैं। देश विदेश के 70 कलाकार अपने कैनवास पर झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता को उतार रहे हैं यह पहली बार हो रहा है। सरकार की ओर से इसका आयोजन किया गया है।
इस योजना के पीछे रांची के मशहूर कलाकार प्रवीण कर्मकार का अथक परिश्रम है। यह महोत्सव 27 अगस्त तक चलना है। शुक्रवार को बेहद खुशनुमा माहौल था। विदेशी कलाकार कई दल में बंटकर टैगोर हिल, राजभवन, जगन्नाथ मंदिर जाकर लाइव पेंटिंग की। ढेर सारे कलाकार आड्रे हाउस में जमे थे और अलग-अलग झारखंड की प्रकृति को निरखते हुए रंगों के संयोजन आकार दे रहे थे।
कुछ कलाकार टैगोर हिल से रांची शहर की खूबसूरती का देख कर अपने कैनवास पर उसे उतार रहे थे। रंगों के साथ प्रकृति की जुगलबंदी देखने लायक थी। कलाकार मोहित और आनंदित थे।
कुछ कलाकार डीएवी गाधीनगर एवं सफायर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में छात्रों से रूबरू हुए। उन्हें कला के बारे में जानकारी दी और एक सफल चित्रकार होने के गुर बताए। यहां भी कलाकारों ने पेंटिंग बनाई। बच्चों को उसके बारे में बताया। रंगों के संयोजन, रेखांकन की जानकारी भी दी।
इस महोत्सव में पाकिस्तानी कलाकार वीजा नहीं मिलने के कारण शिरकत नहीं कर सके। बाकी देशों के कलाकार यहां आए हुए हैं।
ये कलाकार कर रहे हैं शिरकत
विदेशी कलाकारों में फैब्रियानो की एना मेसिनिसा, दुबई से अतुल पनसे, चिली से एंड्रेस अचवार, अल्बेनिया से फॉटी कल्गजेरी, नेपाल से अनिता भट्टाराई हैं।
भारतीय कलाकारों में मिलिंद मुलिक, सेलेश मेश्रम और संजय देसाई (पुणे), निरुपम कंवर, कविता वर्धन और प्रतिमा कुमार (बंगलोर), रमेश झवार (चेन्नई), बीच कक्कड़ (राची), बिजय बिस्वाल (नागपुर), सुबोध कुमार (जमशेदपुर), ब्रजमोहन आर्य (जबलपुर), अनिकेत महाले आदि हैं।