Jharkhand: महिलाओं को जबरन पागलखाने में भर्ती करा रही झारखंड पुलिस, राष्ट्रीय महिला आयोग ने दी सख्त चेतावनी
National Commission for Women राष्ट्रीय महिला आयोग ने झारखंड पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं। अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से इसकी शिकायत की है। रिनपास की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पुलिस मुख्यालय के प्रति गंभीर नाराजगी जताई।
रांची, राज्य ब्यूरो। National Women Commission राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के झारखंड दौरे के चार महीने बाद भी उनकी एक भी अनुशंसा पर झारखंड पुलिस प्रशासन एक कदम आगे नहीं बढ़ सका। आयोग अध्यक्ष का झारखंड में अवलोकन व उनकी अनुशंसा अब भी फाइलों में ही घूम रही है। उन्होंने 15 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को संबोधित करते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय की असहयोगात्मक रवैया, राज्य मन:चिकित्सा संस्थान (रिनपास) की व्यवस्था, वहां ठीक महिलाओं को भी गलत तरीके से भर्ती कराए जाने का मामला उठाया था।
आयोग अध्यक्ष ने रांची दौरे के क्रम में रिनपास का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि एक महिला डाक्टर जबरन वहां भर्ती कराई गई है। उसे उसके पति ने पुलिस के साथ मिलकर भर्ती करवा दिया था। दूसरी महिला को सफाई करने की बीमारी पर विधानसभा अध्यक्ष के पत्र के आलोक में वहां भर्ती कराया गया था। इसके अगले दिन 10 दिसंबर को डीजीपी से मिलने के लिए पुलिस मुख्यालय गई तो उन्हें लगा कि महिलाओं की समस्या को लेकर पुलिस गंभीर नहीं है।
राज्य के करीब 300 मामले आयोग में लंबित है, जिसके बारे में आयोग के लगातार रिमाइंडर के बावजूद पुलिस जवाब नहीं देती है। ये मामले डायन हत्या, दुष्कर्म, मानव तस्करी व महिलाओं से अत्याचार से संबंधित थे। पुलिस को पहले ही सभी कांडों का ब्योरा मेल से भेजा गया था, लेकिन आयोग अध्यक्ष के साथ बैठक में पुलिस मुख्यालय इन कांडों को लेकर न तैयार था और न ही गंभीर।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अनुशंसा
- पुलिस को चाहिए कि वह जिला विधिक प्राधिकार या एनजीओ के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकार के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाए। उन्हें महिला हिंसा डायन हत्या के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।
- झारखंड पुलिस को महिला से होने वाले अपराध के प्रति संवेदनशील बनने की जरूरत है।
- झारखंड पुलिस को रेलवे पुलिस के साथ मिलकर लड़कियों की तस्करी रोकने, उन्हें तस्करों के चंगुल से छुड़ाने व उनके पुनर्वास की व्यवस्था कराने की पहल करनी चाहिए।
- आदिवासी युवतियाें, महिलाओं के कौशल विकास को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो सके।
- महिलाओं से होने वाले अपराध का अनुसंधान जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
- राज्य मानसिक आरोग्यशाला में डाक्टर व प्रशिक्षित नर्सों की कमी को जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
- रिनपास के निदेशक को अस्पताल में महिलाओं को भर्ती लेने के प्रति जवाबदेह होना होगा। केवल अनुशंसा मात्र के आधार पर किसी को भर्ती न लें।
- महिलाओं की हत्या, उनसे दुष्कर्म, दहेज हत्या, डायन हत्या आदि को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
- जो महिलाएं गलत तरीके से रिनपास में भर्ती कराई गईं हैं उन्हें बाहर निकालने व उनके पुनर्वास को लेकर गंभीरता दिखाने की जरूरत है।