Happy Nag Panchami 2020: आज नाग पंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि का प्रबल योग, आप भी जरूर करें यह काम
Happy Nag Panchami 2020 सावन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि। दिन शनिवार। आज देशभर में नाग पंचमी मनाया जा रहा है। नाग-सर्पों के पूजन के इस खास दिन को सांप काे दूध-लावा अर्पित करते हैं।
रांची, जासं। Happy Nag Panchami 2020 सावन, शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि। दिन शनिवार। आज देशभर में नाग पंचमी पर्व मनाया जा रहा है। नाग-सर्पों के पूजन के इस खास दिन को भारत में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि सावन, भगवान शिव को प्रिय इस विशेष महीने में जबरदस्त बारिश होती है। इस वजह से, खेत-मैदान पूरी तरह जलमग्न हो जाते हैं। इस दौरान सांप अपने बिल से बाहर निकल आते हैं। बिल में पानी भर जाने के कारण सांपाें को सुरक्षित जगह की तलाश होती है। ऐसे में भगवान भोलेनाथ को प्रिय नाग अक्सर बारिश की वजह से आबादी के आसपास दिखते हैं।
हिंदू धर्म में आज का दिन अभीष्ट माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज नाग-नागिन के साक्षात दर्शन-पूजन से जीवन में सर्वार्थ सिद्धि की कामना पूरी हो जाती है। जटिल से जटिल काल सर्प दोष नाग पंचमी के दिन चांदी में बने नाग-नागिन के जोड़े को जल प्रवाह करने से हमेशा के लिए मिट जाता है। इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक भक्तों को आम से खास बना देता है। उनके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होने देता। मनोयोग और पूरे विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
आज नाग पंचमी है। नागों-सर्पों को पूजने-प्रसन्न करने का दिन। सावन शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला यह खास पर्व देवों के देव महादेव भगवान शिव की कृपा पाने का सुयोग्य अवसर माना जाता है। आज प्रबल योग में नाग पंचमी की पूजा करने और भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से जटिल से जटिल काल सर्प दोष भी मिट जाता है। आज के दिन नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करने से विषैले जीव-जंतु के काटने का भय मिट जाता है।
सावन मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाया जाता है। इस दिन नाग-नागिन की पूजा का विधान है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन की पूजा करने से सालों भर विषैले जीव-जंतुओं के काटने का भय नहीं रहता है। साथ ही, पूजन से शनि, राहु पाप ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इस बार नाग पंचमी तिथि 25 जुलाई को है।
नाग पंचमी आज, नाग देव के साथ भगवान शिव की करे पूजा
- भगवान शिव के रुद्राभिषेक से काल सर्प योग से मिलती है मुक्ति
- उत्तर फाल्गुन नक्षत्र का बन रहा शुभ संयोग
- नाग-नागिन की पूजन से शनी, राहु की बाधा होती है दूर
शिव की पूजा का विशेष महत्व
ज्योतिष डॉ धीरेंद्र दुबे के अनुसार नाग-नागिन भगवान महादेव के सेवक हैं। आज के दिन नाग-नागिन, भगवान महादेव और पार्वती का पूजन करें। महादेव का विधि-विधान पूर्वक रुद्राभिषेक करें। तत्पश्चात नाग-नागिन की मिट्टी की आकृति बनाकर दूध, लाबा, अक्षत आदि समर्पित कर। समस्त बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। जरूर लाभ मिलेगा।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि आरंभ
- 24 जुलाई सायंकाल 4.10 मिनट से 25 जुलाई को दोपहर 1.55 मिनट तक
- पूजा के लिए उत्तम काल: सुबह 7.30 मिनट से 9.17 मिनट तक और 11.29 बजे से 12.30 मिनट तक
नाग पंचमी। नागों के पूजन का विशिष्ट और फलदायी दिन। यह पर्व पूरे भारत, नेपाल और अन्य हिंदू देशों में विविध पौराणिक मान्यताओं के साथ भगवान भोलेनाथ की उपासना पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदुओं द्वारा सर्प-नागों की पारंपरिक पूजा का खास दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पंचमी, यानी आधे महीने के पांचवें दिन नागपंचमी की पूजा की जाती है।
25 जुलाई, दिन शनिवार को नाग पंचमी है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का खास महत्व है। भक्त अपने आराध्य भगवान शिव की आराधना के लिए इस दिन का विशेष तौर पर इंतजार करते हैं। सावान मास की शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि को मनाए जाने वाले नाग पंचमी को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि काल सर्प दोष से लेकर नागों को खुश करने के इस पर्व में विधि-विधान से पूजन का भक्तजनों को जरूर लाभ मिलता है।
सावन मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाया जाता है। इस दिन नाग-नागिन की पूजा का विधान है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन की पूजा करने से सालों भर विषैले जीव-जंतुओं के काटने का भय नहीं रहता है। साथ ही, पूजन से शनि, राहु पाप ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इस बार नाग पंचमी तिथि 25 जुलाई को है।
शिव की पूजा का विशेष महत्व
ज्योतिष डॉ धीरेंद्र दुबे के अनुसार नाग-नागिन भगवान महादेव के सेवक हैं। आज के दिन नाग-नागिन की पूजा से भगवान महादेव और पार्वती का पूजन करें। महादेव का विधि-विधान पूर्वक रुद्राभिषेक करें। तत्पश्चात नाग-नागिन की मिट्टी की आकृति बनाकर दूध, लाबा, अक्षत आदि समर्पित करें। समस्त बाधाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। जरूर लाभ मिलेगा।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
- पंचमी तिथि आरंभ
- 24 जुलाई शायं 4.10 मिनट से 25 जुलाई को दोपहर 1.55 मिनट तक
- पूजा के लिए उत्तम काल: सुबह 7.3 मिनट से 9.17 मिनट तक और 11.29 बजे से 12.30 मिनट तक