Jharkhand Crime News:पत्नी के जिस्म पर 22 जगह चाकू गोदा... हत्यारे इंजीनियर पति को उम्रकैद... सवा पांच लाख रुपये जुर्माना भी
Jharkhand Crime News झारखंड के रामगढ़ जिले के इंजीनियर आलोक बेहरा को अदालत की ओर से उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उसे पत्नी की हत्या करने का दोषी पाया है। अदालत ने उस पर सवा पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
रामगढ़, जागरण संवाददाता। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राधा कृष्ण के न्यायालय ने शनिवार को पत्नी की चाकू से गाेदकर हत्या करनेवाले सीसीएल बरका सयाल में इंजीनियर पति आलोक बेहरा को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा पांच लाख 20 हजार हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि में से पांच लाख रुपये मृतका व उसके दोनों बच्चों को मिलेंगे। साथ ही 20 हजार रुपये सरकारी खाते में जमा होंगे। करीब पौने छह वर्षों से लंबित हत्या के मामले में न्यायालय ने इंजीनियर पति आलोक बेहरा को गत दिनों भारतीय दंड विधान की धारा 302 व 498ए के तहत दोषी पाया था। न्यायालय ने भारतीय दंड विधान की धारा 302 के तहत उम्रकैद व पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं भरने पर अतिरिक्त चार वर्ष कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसी तरह भारतीय दंड विधान की धारा 498 ए के तहत तीन वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त नौ महीने के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। न्यायालय ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की थी।
16 सितंबर 2016 को हुई थी लूसी बेहरा की हत्या
घटना 16 सितंबर 2016 की रात्रि की है। मामले में मृतका चिरागी ताबदी मोहंता उर्फ लुसी बेहरा के पिता जाजपुर उड़ीसा निवासी मधुसूदन मोहंता ने अपने दामाद के खिलाफ 17 सितंबर 2016 को पतरातू थाना अंतर्गत भुरकुंडा ओपी में अपनी बेटी की हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले में एसटी 10/17 तथा पतरातू भुरकुंडा कांड संख्या 261/16 के तहत न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले में अभियोजन की ओर से एसआई अशोक कुमार, चिकित्सक महेंद्र प्रसाद चौधरी सहित कुल 11 गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज कराया। पूरे मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य ही आरोपित को दोषी करार दिलाने में सहायक सिद्ध हुआ। अपर लोक अभियोजक एस के शुक्ला ने न्यायालय के समक्ष वैज्ञानिक साक्ष्य के तहत एफएसएल रिपोर्ट व डीएनए रिपोर्ट भी प्रस्तुत किया। इसके आधार पर न्यायालय ने आरोपित काे दोषी करार दिया। मामले में 14 दिसंबर 2016 को न्यायालय में चार्जशीट फाइल हुई। इसके बाद न्यायालय ने 23 दिसंबर 2016 को काग्निजेंस लिया। इसके बाद पांच जनवरी 2017 को क्रमीटमेंट हुआ। पुन: 15 फरवरी 2017 को केस चार्ज हुआ।
शरीर पर 22 स्थान पर थे चाकू से वार के निशान
हत्या को लेकर सनक इस कदर सवार था कि लूसी बेहरा के शरीर पर नृशंस तरीके से 22 बार चाकू से हमला किया गया था। यहां तक कि उसके सीने पर भी चाकू से वार किया गया था, जब तक कि उसने दम न तोड़ दिया। न्यायालय ने भी इसे नृशंस हत्या मानते हुए सजा सुनाई। इंजीनियर आलोक बेहरा भुरकुंडा रिवर साइड स्थित आफिसर्स कालोनी में अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता था। हालांकि 17 सितंबर को पुलिस को दिए बयान में आलोक बेहरा ने कहा था जब वह 17 सितंबर को घर पहुंचा तो अपनी पत्नी को खून से लथपथ देखा तो बेहोश हो गया और उसके हाथ में भी चोट आई थी। हालांकि चिकित्सकों ने जांच में पाया था कि जिस चाकू से उसने अपनी पत्नी को मारा था। उसी चाकू के मूंठ से उसे चोट लगी थी। पत्नी की हत्या के बाद पति आलोक वहां से भाग गया था। बाद में भुरकुंडा पुलिस ने उसे रांची से पकड़ा था।
एक माह पहले ही लूसी ने थाने में की थी शिकायत
इससे पूर्व चिरागी ताबदी मोहंता उर्फ लूसी बेहरा ने घटना से एक महीने पहले ही भुरकुंडा ओपी में अपनी पति आलोक बेहरा के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें लूसी बेहरा ने अपने पति आलोक बेहरा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
शर्ट पर लगे खून के धब्बे व पत्नी के खून से हुआ मिलान
एफएसएल रिपोर्ट के बाद मृतक के बरामद शर्ट पर मिले खून के धब्बे की जब जांच कराई गई तो पुलिस को मजबूत साक्ष्य मिले। डीएनए जांच रिपोर्ट में पत्नी का खून ही शर्ट पर लगे थे। बचाव पक्ष में आलोक ने खुद तीन गवाह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। इसमें खुद भी वह गवाह था। उसमें उसने स्वीकार किया था कि उसके घर में कोई डकैती नहीं हुई और न ही उसने पत्नी की हत्या के बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।