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Dhoni Retirement: ...और गोलकीपर से देश की धड़कन बन गए महेंद्र सिंह धौनी

MS Dhoni Retired from International Cricket बैडमिंटन और फुटबॉल में जिला और क्लब स्तर पर खेलते माही थे। डीएवी श्यामली स्कूल के खेल शिक्षक केआर बनर्जी ने प्रतिभा को पहचाना।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 12:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 04:55 PM (IST)
Dhoni Retirement: ...और गोलकीपर से देश की धड़कन बन गए महेंद्र सिंह धौनी
Dhoni Retirement: ...और गोलकीपर से देश की धड़कन बन गए महेंद्र सिंह धौनी

रांची, जासं। MS Dhoni Retired from International Cricket दिसंबर, 2004 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले धौनी का पहला प्रेम क्रिकेट नहीं था। स्कूल के दिनों में धौनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। डीएवी श्यामली स्कूल के खेल शिक्षक केआर बनर्जी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और क्रिकेट खेलने को कहा। उस समय किसी ने सोचा नहीं था कि एक गोलकीपर क्रिकेट का इतना बड़ा सितारा बन जाएगा।

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धौनी के पिता पान सिंह मेकॉन कंपनी में जूनियर मैनेजमेंट के पद पर काम करते थे। धौनी ने रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से पढ़ाई की है। उन्होंने शुरुआत में बैडमिंटन और फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन किया और इन खेलों में जिला और क्लब स्तर पर भी चुने गए। उन्हें अपने फुटबॉल कोच द्वारा एक स्थानीय क्रिकेट क्लब के लिए विकेटकीपिंग के लिए भेजा गया।

धौनी ने अपने विकेटकीपिंग कौशल से प्रभावित भी किया। इसके बाद रांची जिला क्रिकेट लीग में कमांडो क्रिकेट क्लब (1995-1998) में नियमित विकेटकीपर बने। क्लब क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन के आधार पर धौनी को 1997/98 सीजन के वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर-16 चैंपियनशिप के लिए चुना गया। उन्होंने यहां अच्छा प्रदर्शन किया। धौनी ने 10वीं क्लास के बाद क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

खड़गपुर में टीटीई भी थे धौनी

धौनी ने पश्चिम बंगाल के खडग़पुर रेलवे स्टेशन पर 2001 से 2003 तक  टिकट कलेक्टर (टीटीई) के रूप में भी काम किया। उनके साथी उन्हें भारतीय रेलवे के एक ईमानदार और सीधे कर्मचारी के रूप में याद करते हैं। हालांकि, बहुत कम लोगों को पता होगा कि कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धौनी शरारती भी थे। एक बार रेलवे क्वार्टर में रहने के दौरान धौनी और उनके एक दोस्त ने खुद को सफेद बेडशीट में ढंक लिया। देर रात परिसर में घूमे। रात के पहरेदारों को यह कहते हुए बेवकूफ बनाया था कि परिसर में भूत घूम रहे थे।

रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में बनाए थे 68 रन

धौनी ने बिहार की ओर से रणजी ट्रॉफी करियर की शुरुआत 1999-2000 में की। अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में धौनी ने 68 रन बनाए। सीजन के पांच मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 283 रन बनाए। धौनी ने दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय मैच में डेब्यू किया और पहला टेस्ट एक साल बाद श्रीलंका के खिलाफ खेला।

एमएस धौनी 2007 से 2016 तक सीमित ओवरों के प्रारूप में और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 आइसीसी विश्व टी20, 2010 और 2016 एशिया कप, 2011 आइसीसी क्रिकेट विश्व कप और 2013 आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीता।


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