महेंद्र सिंह धौनी फिर बने झारखंड के सबसे बड़े टैक्सपेयर
महेंद्र सिंह धौनी व्यक्तिगत श्रेणी में इस वर्ष भी राज्य में सर्वाधिक टैक्स देने वाले बन गए हैं। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में 12.17 करोड़ रुपये जमा किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी व्यक्तिगत श्रेणी में इस वर्ष भी राज्य में सर्वाधिक टैक्स देने वाले बन गए हैं। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में 12.17 करोड़ रुपये जमा किया है। गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में उन्होंने व्यक्तिगत श्रेणी में 10.93 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा किया था। झारखंड क्षेत्र के मुख्य आयकर आयुक्त वी. महालिंगम ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। मौके पर संयुक्त आयकर आयुक्त निशा उरांव सिंघमार भी मौजूद थीं।
कॉरपोरेट कंपनी में सीसीएल ने भरा सर्वाधिक टैक्स
मुख्य आयकर आयुक्त वी. महालिंगम ने बताया कि कॉरपोरेट कंपनी में सबसे अधिक टैक्स कोल इंडिया की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्डस लि. (सीसीएल) ने भरा। वित्तीय वर्ष 2017-18 में सीसीएल ने 1,500 करोड़ रुपये का टैक्स भरा है। पिछले साल की तुलना में वर्ष 2017-18 के दौरान 88 प्रतिशत की टैक्स वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष इस श्रेणी में 34.01 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिले थे। वहीं, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 67.60 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिले हैं।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2516 करोड़ रुपये टैक्स वसूलने का लक्ष्य
मुख्य आयकर आयुक्त के अनुसार एक जून 2018 तक अग्रिम कर संग्रह में झारखंड में 98.24 फीसद की वृद्धि हुई है। इसे बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में 180 सर्वेक्षण किए गए हैं। बिहार और झारखंड में पांच लाख 35 हजार 172 नए करदाता जोड़े गए हैं। गत वित्तीय वर्ष में झारखंड को 2217 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिले थे। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में के लिए 2516 करोड़ रुपये टैक्स वसूलने का लक्ष्य है।
नोटबंदी के दौरान 605 खातों में जमा हुए एक करोड़ से अधिक
आयकर विभाग का दावा है कि नोटबंदी के दौरान 3500 बैंक खातों में 10 लाख से ज्यादा रुपये जमा हुए। वहीं, 605 खातों में एक करोड़ से अधिक रुपये जमा किए गए हैं। मुख्य आयकर आयुक्त वी. महालिंगम के अनुसार सभी बैंक खातों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। बोकारो जिले में करीब एक हजार ऐसे मामले सामने आए हैं जो अधिक रिफंड क्लेम कर रहे हैं। इसमें न केवल दावा वापस लिया जाएगा, बल्कि दंड भी वसूला जाएगा। इस तरह के कुछ मामले रामगढ़ में भी सामने आए हैं।
शेल कंपनियों पर भी आयकर की नजर
मुख्य आयकर आयुक्त वी. महालिंगम ने बताया कि कर से बचने के चक्कर में लोग अपनी आमदनी को कृषि में दिखा रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि विभाग ऐसे लोगों पर भी पैनी नजर रख रहा है। वैसे 271 मामले सामने आये हैं, जिसका सत्यापन किया जा रहा है। ऐसे 677 केस भी सामने आए हैं, जो शेल कंपनियों के माध्यम से पैसे के लेनदेन मामले में पहचान की गई है।