क्रिकेट के बाद गो-पालन में धौनी का परचम, पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ पशुपालक का मिला सम्मान
MS Dhoni Ranchi Jharkhand News रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेला में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो धौनी के गोपालक को यह सम्मान प्रदान किया। धौनी अभी दो नस्ल की गाय पालते हैं। इसका दूध रांची में सप्लाई किया जाता है।
रांची, जेएनएन। MS Dhoni Ranchi Jharkhand News क्रिकेट के मैदान पर अपने खेल से कई रिकॉर्ड बना चुके एमएस धौनी अब गो-पालन में भी परचम लहरा रहे हैं। क्रिकेट से संन्यास ले चुके माही अब खेती-किसान पर ध्यान दे रहे हैं। उसी का नतीजा है कि रांची में चल रहे किसान मेले में उन्हें पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ गो-पालक का सम्मान मिला है। किसान मेला रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है।
किसान मेले में धौनी की ओर से उनके गोपालक कुणाल गौरव रविंद्रनाथ महतो ने यह सम्मान ग्रहण किया। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने यह अवार्ड दिया। धौनी के गोपालक कुणाल गौरव ने बताया कि धौनी अभी 73 गायों का पालन कर रहे हैं। इनमें फ्रेजियन और साहिवाल नस्ल की गाय है। इन गायों का सारा दूध काउंटर से ही बेचा जाता है। रांची के लालपुर में ईजा फार्म से ही दूध बेचा जाता है। फ्रेजियन नस्ल की गाय का दूध 55 रुपये लीटर और साहिवाल नस्ल की गाय का दूध 85 रुपये लीटर होम डिलीवरी किया जा रहा है।
साहिवाल नस्ल की देशी गाय लगभग 12 लीटर दूध देती है। फ्रेजियन नस्ल की गाय 32-34 लीटर दूध देती है। इस मौके पर झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि आज जो किसानी कर रहे हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए। खेती को छोड़िए नहीं, खेती से जुड़िए।
बता दें कि क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद एमएस धौनी खेती-किसानी में व्यस्त हैं। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 2019 में हुए वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में खेला था। उसके बाद वे अपने खेत में सब्जियां उगाने में व्यस्त हैं। वे अपने खेत में स्ट्रॉबेरी भी उपजा रहे हैं।