एचईसी को निजी हाथों में सौंपने के संकेत, अनंत गीते से मिले सांसद रामटहल चौधरी
एचईसी की पिछले कई वर्षों से स्थिति अच्छी नहीं चल रही है। स्थिति और गंभीर होती जा रही है।
जागरण संवाददाता, रांची। मदर इंडस्ट्रीज एचईसी को अब सरकार निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। पीएमओ ने इस संबंध में भारी उद्योग मंत्रालय से मंतव्य भी मांगा है। इस आशय की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय सांसद रामटहल चौधरी ने दिल्ली में भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते के समक्ष मुद्दा उठाया। प्रतिनिधिमंडल के साथ सांसद चौधरी मंत्री गीते को एचईसी व कर्मियों की समस्याओं से अवगत कराया।
मंत्री अनंत गीते ने सांसद को हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) स्थिति बेहतर नहीं होने के संकेत दिए। एचईसी के भविष्य का अंतिम फैसला केंद्र सरकार ही लेगी। जानकारी के अनुसार, केंद्र ने जिन लोक उपक्रमों के विनिवेश का निर्णय लिया है, उनमें एचईसी भी शामिल है। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों से एचईसी अपनी जमीन की घेराबंदी इसी उद्देश्य से कर रहा था। भारी उद्योग मंत्रालय ने एचईसी को जमीन का हस्तांतरण नहीं करने और लीज पर देने पर भी रोक लगा दी है।
एचईसी की कई वर्षों से आर्थिक स्थिति है खराब:
एचईसी की पिछले कई वर्षों से स्थिति अच्छी नहीं चल रही है। समय पर लक्ष्य की प्राप्ति नहीं करने और वर्क ऑर्डर की कमी से स्थिति और गंभीर होती जा रही है। हाल के दिनों में कई विदेशी कंपनियों ने एचईसी का दौरा किया था और कई उपकरणों के निर्माण को लेकर एमओयू भी किया। इससे एचईसी की उम्मीदें बढ़ी थी। रक्षा, अंतरिक्ष, रेलवे के क्षेत्र में कदम रख नए उपकरणों का निर्माण करने की योजना बनाई है। इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
वर्क ऑर्डर पर पड़ सकता है इसका नकारात्मक प्रभाव:
सरकार के इस कदम से एचईसी के वर्क ऑर्डर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रूस की कई कंपनियों एचईसी के साथ व्यापारिक संबंध बनाने में रूचि दिखाई है।
जानिए, किसने क्या कहा
'एचईसी को बचाने के लिए हम सभी यूनियन एकजुट हैं। इसे लेकर दिल्ली तक जाएंगे। इसके लिए कल सभी यूनियनों की बैठक भी बुलाई जाएगी, ताकि एकजुटता के साथ एचईसी को निजी हाथों में जाने से रोका जा सकेगा।
-'राणा संग्राम सिंहमहामंत्री, हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन
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'एचईसी का अहित नहीं होने दिया जाएगा। न तो निजी हाथों में जाने दिया जाएगा और न ही बंद होने दिया जाएगा। भारी उद्योग मंत्री से बात हुई है, उनसे ऐसे संकेत मिले हैं। जरूरत पड़ी तो प्रदेश के सभी सांसदों को एकजुट कर प्रधानमंत्री के समक्ष मामले को उठाएंगे।'
-रामटहल चौधरीसांसद, रांची
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