Hemant Soren News: हेमंत सोरेन खुद कोर्ट में हाजिर हों... अदालत से नहीं मिली राहत... आचार संहिता उल्लंघन में बढ़ीं मुश्किलें
Jharkhand News मंगलवार को अदालत ने साफ कर दिया है कि अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद ही कोर्ट में हाजिर होना होगा। वह वकील के माध्यम में हाजिरी नहीं लगा सकते हैं। मामला चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का है। अदालत 12 जुलाई सुनवाई करेगा।
रांची, जागरण टीम। Jharkhand CM Hemant Soren Election Code Conduct Violation Case एमपी- एमएलए कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से आचार संहिता उल्लंघन मामले में सशरीर उपस्थिति से छूट से संबंधित याचिका खारिज कर दी है। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 12 जुलाई को कोर्ट आना पड़ सकता है। इस दिन मामले में सुनवाई निर्धारित है। एमपी- एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अनामिका किस्कू की अदालत में मंगलवार को मामले में सुनवाई हुई। इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अदालत ने संज्ञान लेते हुए आरोपितों को उपस्थिति के लिए समन भेजा गया था। बता दें कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन छह मई 2019 को बूथ नंबर 388 (संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू) में हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन के साथ मतदान करने गए थे। हेमंत सोरेन अपने गले में पार्टी का पट्टा लटकाए हुए मतदान स्थल पर पहुंचे थे। इस मामले में कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन उरांव ने अरगोड़ा थाना में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
लालू प्रसाद यादव की पिछले दिनों हो चुकी है पेशी
मालूम हो कि इसी तरह आचार संहिता के एक मामले में कुछ दिनों पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी पलामू के स्थानीय कोर्ट में खुद ही हाजिरी लगानी पड़ी थी। लालू यादव पर आरोप था कि उन्होंने जानबूझकर चुनाव को प्रभावित करने के लिए एक खेत में हेलिकाप्टर उतार दिया था। चुनाव आयोग के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन की ओर से थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामला अदालत पहुंचा। अदालत ने कई बार लालू प्रसाद को तलब किया, लेकिन वह खुद हाजिर नहीं हो रहे थे। अंतत: अदालत की ओर से उन्हें अंतिम बार समन भेजा गया। लालू प्रसाद यादव को खुद ही कोर्ट में पहुंच कर हाजिरी लगानी पड़ी थी। इस मामले में अदालत ने उन पर जुर्माना भी लगाया था।
पहली बार कोर्ट में पेश होंगे झारखंड के मुख्यमंत्री
मालूम हाे कि हाल के दिनों में झारखंड में यह दूसरा ऐसा मामला है, जिसमें किसी वीआइपी को अदालत ने स्वयं कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। हेमंत सोरेने ने कई बार अदालत से आग्रह किया कि उन्हें कोर्ट में पेशी से छूट दी जाए, लेकिन अंतत: कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा कि हेमंत सोरेन को खुद ही अदालत में आना होगा। झारखंड में इससे पहले कोई भी नेता मुख्यमंत्री रहते हुए इस तरह कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। यह पहला मौका होगा जब हेमंत सोरेन अदालत में खुद हाजिर होंगे। अब देखना यह है कि हेमंत सोरेन का अगला कदम क्या होगा।