Jharkhand Weather Update: झारखंड में झमाझम बारिश से बढ़ी ठंड, जानें अपने शहर का हाल
Jharkhand Weather Update मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि रविवार से 22 जनवरी तक हल्की या गरज के साथ बारिश हो सकती है। इससे ठंड फिर बढ़ेगी।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Weather Update मौसम पूर्वानुमान के तहत 19 व 22 जनवरी को हल्की या गरज के साथ बारिश हो सकती है। 20 व 21 जनवरी को आंशिक बादल छाए रहेंगे। इससे फिर से ठंड बढ़ेगी। इधर, शनिवार की सुबह शहरी क्षेत्र में घना कोहरा छाया रहा। हालांकि जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, कोहरे की धुंध छंटती गई। दोपहर बाद बादल छाने लगे। शाम में बूंदाबांदी भी हुई।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में साइक्लोनिक सर्कुलेशन समुद्रतल से ऊपर 1.5 व 3.1 किमी. क्षेत्र में स्थित है। इस सिस्टम के साथ टर्फलाइन भी जुड़ा हुआ है, जो दक्षिणी गुजरात क्षेत्र से होते हुए पश्चिमी मध्य प्रदेश तक समुद्रतल से ऊपर 1.5 व 2.1 किमी. क्षेत्र के बीच स्थित है। इसके अलावा 20 जनवरी से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालयन क्षेत्र प्रभावित होगा। कहा, शनिवार को पूरे राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान चाईबासा में 11.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राज्य के कुछ जिलों में वज्रपात के साथ बारिश की संभावना
मौसम पूर्वानुमान के तहत रविवार को राज्य के मध्य व उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। सोमवार को मौसम शुष्क रहेगा। 21 व 22 जनवरी को राज्य के उत्तरी जिलों में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश व 19 व 21 जनवरी को राज्य के कुछ स्थानों पर गरज के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि आगामी दो दिनों तक सुबह के समय एक-दो स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाए रहने की संभावना है। जबकि तीन दिनों तक रात के तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
मौसम का सितम, कोहरे व ठंड से बढ़ी परेशानी
कोडरमा में ठंड से दो-तीन दिनों की राहत के बाद एक बार फिर मौसम ने यू-टर्न ले लिया है। शनिवार की रात हुई बारिश के बाद ठंड का असर बढ़ गया है और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आज सुबह न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहा जबकि आसमान में कोहरा छाए होने की वजह से लोगों को परेशानी हुई। हालांकि रविवार की छुट्टी होने के कारण लोग देर तक घरों में दुबके रहे।
ठंड व बारिश के कारण मॉर्निंग वॉक करने वाले लोगों की संख्या भी कम नजर आई। कोहरे के कारण विजिबलिटी कम होने के कारण हेड लाइट जलाकर वाहन चालक अपनी गाड़ियों को चलाते नजर आए इसके अलावा रेल परिचालन पर भी कोहरे का असर देखा गया। उत्तर भारत की ओर से आने वाली कई ट्रेनें अभी भी घंटों विलंब से चल रही है, जिसके कारण कोडरमा स्टेशन पर यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पडा। मौसम की इस बदलाव के साथ-साथ टाउन फीडर के ब्रेक डाउन होने से तकरीबन 4 घंटे तक शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही और ठंड से बचने के लिए लोग गीजर, हीटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का सहारा नहीं ले सके।
बारिश ने बढाई ठंड, कोहरा जमा रहा रंग
चतरा में मौसम का मिजाज दूसरे दिन रविवार को भी बदला-बदला रहा। आसमान में घने बादल और कोहरे की परत ने जन जीवन को पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया है। शनिवार की रात झमाझम बारिश ने ठंड को और अधिक बढ़ा दी है। आसमान में छाया बादल ओलावृष्टि का संकेत दे रहा है। शीत लहर तेज हो गई है। तापमान में लगातार गिरावट आ रहा है। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तक पहुंच चुका है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री और अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस था। हाड़ कंपा देनेवाली ठंड लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। बाजार में बहुत अधिक चहल पहल नहीं है।
मौसम के जानकारों का कहना है कि तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। करीब आठ दिन पूर्व भी बारिश हुई थी। इस प्रकार बेमौसम हो रही बरसात से किसान खासे परेशान है। गेहूं, चना एवं अन्य रबी फसलों के लिए बारिश लाभ होगा। लेकिन वहीं सरसो, टमाटर, मटर आदि फसलों का नुकसान होगा। ईट भट्ठा को बारिश से काफी नुकसान हुआ है। ईट व्यवसायियों का कहना है कि बारिश की चपेट में आने से पारन में पसरे ईट को काफी नुकसान हुआ है। इस बार मौसम उनके अनुकूल नहीं है। सप्ताह-दस दिनों में झमाझम बारिश हो जा रही। जिससे लाखों का नुकसान हो रहा है।
जामताड़ा : मौसम बदला, बारिश व कोहरा से परेशानी बढ़ी
जामताड़ा में अचानक मौसम के बदले मिजाज से सबों की परेशानी बढ़ गई है। सुबह सेही कोहरा का असर है। अभी तक धूप निकली भी नही है। किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। मकर संक्रांति के बाद अचानक मौसम बदला है। ठंड का प्रकोप घटने के आसार कल तक थे पर अब बढ़ने लगी है। जिला समेत प्रखंड मुख्यालयों से जुड़े इलाकों में सुबह से बारिश हो रही है।बेमौसम बरसात के कारण सबसे ज्यादा परेशान किसान इसलिए हैं कि खलिहान में उनका धान का बीड़ा पड़ा है। वह सड़ सकता है। बिचाली का भी नुकसान होगा । इलाके में कंपकँपी बढ़ गई है। 15 दिवसीय करमदाहा मेला भी बारिश से प्रभावित हो चुका है।