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सुरक्षित हुईं माताएं, तंदुरुस्त हुए नौनिहाल, राज्य में 100% टीकाकरण Ranchi News

Jharkhand. नीति आयोग की हेल्दी स्टेट्स-प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट के अनुसार झारखंड की माताएं सुरक्षित हुई हैं। इसके साथ ही नौनिहाल भी तंदुरुस्त हुए हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 07:59 PM (IST)
सुरक्षित हुईं माताएं, तंदुरुस्त हुए नौनिहाल, राज्य में 100% टीकाकरण Ranchi News
सुरक्षित हुईं माताएं, तंदुरुस्त हुए नौनिहाल, राज्य में 100% टीकाकरण Ranchi News

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। झारखंड की माताएं सुरक्षित हुई हैं। नौनिहाल भी तंदुरुस्त हुए हैं। नीति आयोग द्वारा एक दिन पूर्व जारी 'हेल्दी स्टेट्स-प्रोग्रेसिव इंडिया' रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड उन चार राज्यों में शामिल है, जहां शत-प्रतिशत बच्चों का पूर्ण टीकाकरण होता है। पहले यह उपलब्धि केवल जम्मू-कश्मीर को प्राप्त थी। वहीं, डॉक्टर या एएनएम की उपस्थिति में प्रसव (संस्थागत प्रसव) के मामले में झारखंड में सबसे अधिक सुधार हुआ है।

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झारखंड में पूर्ण टीकाकरण 88.10 फीसद से बढ़कर 100 फीसद हो गया है। मिशन इंद्रधनुष का लाभ उठाते हुए झारखंड के अलावा केरल और आंध्रप्रदेश ने भी यह उपलब्धि हासिल की है, जबकि जम्मू-कश्मीर में पहले ही सौ फीसद पूर्ण टीकाकरण होता रहा है। वहीं, झारखंड में संस्थागत प्रसव 67.36 फीसद से बढ़कर 88.15 फीसद हो गया है। इस तरह इसमें सबसे अधिक सुधार झारखंड में हुआ है। पांच ही राज्य ऐसे हैं जहां संस्थागत प्रसव की दर झारखंड से अधिक है। इनमें तेलंगाना, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र तथा मिजोरम शामिल हैं।

बता दें कि इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ओवरऑल परफारमेंस में झारखंड को 14वां स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं, इस क्षेत्र में वार्षिक इंक्रीमेंटल परफारमेंस (वृद्धिशील प्रदर्शन) में हरियाणा और राजस्थान के बाद तीसरे स्थान पर रहा है। ये आंकड़े वर्ष 2015-16 से 2017-18 की तुलना करते हुए जारी किए गए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, टीबी मरीज के सफल इलाज में भी झारखंड सभी राज्यों में अव्वल रहा है। यहां इसकी दर 90.0 फीसद से बढ़कर 91.7 फीसद हो गई है जो सर्वाधिक है।

बिहार, हरियाणा में बढ़ा तो झारखंड में घटा फर्टिलिटी रेट

टोटल फर्टिलिटी रेट की बात करें तो जहां बिहार और हरियाणा में यह दर बढ़ी है, वहीं झारखंड में इसमें कमी आई है। छह राज्य ऐसे हैं जहां इसमें न तो कमी आई है न ही बढ़ी है। इनमें असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश शामिल हैं। झारखंड में यह दर 2.7 (प्रति महिला बच्चों का जन्म) से घटकर 2.6 हो गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि 21 बड़े राज्यों में बारह राज्य ऐसे हैं जहां यह दर निर्धारित लक्ष्य 2.1 से कम है। इस लिहाज से झारखंड में अभी भी यह दर अधिक है।

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