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भ्रष्टाचार का पानी : कहीं का चापाकल-कहीं गाड़ दिया, किसी में पानी नहीं तो कोई अधूरा

प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगे चापाकलों में भ्रष्टाचार की जांच एसीबी करेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 10:45 AM (IST)
भ्रष्टाचार का पानी : कहीं का चापाकल-कहीं गाड़ दिया, किसी में पानी नहीं तो कोई अधूरा
भ्रष्टाचार का पानी : कहीं का चापाकल-कहीं गाड़ दिया, किसी में पानी नहीं तो कोई अधूरा

रांची, दिलीप कुमार। धनबाद जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगे चापाकलों में 'भ्रष्टाचार का पानी' निकला है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की प्रारंभिक जाच में वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है। अधिकतर चापाकल पूर्व निर्धारित स्थल पर नहीं मिले। कइयों से पानी तक नहीं निकला।

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चापाकल की गुणवत्ता भी मानक पर खरे नहीं पाए गये। अब विभाग ने राच्य की जाच एजेंसी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जाच की अनुशसा की है ताकि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। एसीबी को की गई अनुशसा में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने लिखा है कि धनबाद जिले के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में वित्तीय वर्ष 2013-14 में गड़वाये गए कुल 144 चापाकलों में टेस्ट के तौर पर 14 चापाकलों की जाच की गई।

जाच के दौरान गंभीर अनियमितता उजागर हुई है। उक्त चापाकलों में अनियमितता की पुष्टि के बाद पूरी संभावना है कि अन्य चापाकलों में भी अनियमितता से इन्कार नहीं किया जा सकता है। विस्तृत जाच से ही इसका खुलासा होगा। इस मामले में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग, जिला शिक्षा पदाधिकारी धनबाद व जिला शिक्षा अधीक्षक धनबाद से भी रिपोर्ट मागी है।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इन बिंदुओं पर मागी रिपोर्ट

- इस मामले में सहायक अथवा कनीय अभियंता के बिना पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त के ही पूरा दिखाया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय धनबाद के कर्मी दोषी हैं। उन्हें चिह्नित कर संबंधित कार्यालय को जानकारी दें।

- यदि झारखंड राज्य परियोजना परिषद् ने राशि स्थलवार आवंटित की थी तो किस परिस्थिति में स्थल परिवर्तन की गई। इसके लिए कौन दोषी हैं?

- गलत भुगतान व गलत अनुशसा करने वाले व नियमों का उल्लंघन करने वाले दोषी पदाधिकारियों/कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करें।

- गलत भुगतान करने वाली जिला शिक्षा समिति तथा ठेकेदारों के विरुद्ध राशि की वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर करें। इनपर अलग से प्राथमिकी दर्ज करें और विभाग को इसकी सूचना दें।


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