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देश में सर्वाधिक पूर्वी सिंहभूम जिले में चमकी आसमानी बिजली Ranchi News

Jharkhand. मौसम विज्ञान क्षेत्र की अग्रणी संस्थाओं की रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच पूर्वी सिंहभूम में 200123 बार बिजली चमकी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 09:16 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 05:26 PM (IST)
देश में सर्वाधिक पूर्वी सिंहभूम जिले में चमकी आसमानी बिजली Ranchi News
देश में सर्वाधिक पूर्वी सिंहभूम जिले में चमकी आसमानी बिजली Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड का पूर्वी सिंहभूम वह जिला है, जहां एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच देश में सर्वाधिक बिजली चमकी है। मौसम विज्ञान क्षेत्र की आइएमडी, आइआइटीएम, एनआरएससी, इसरो, आइआइटीडी, सीआरओपीसी जैसी अग्रणी संस्थाओं की समेकित 'मिड मानसून 2019 लाइटनिंग रिपोर्ट' से इसका खुलासा हुआ है। पूरे देश की आसमानी बिजली की मैपिंग के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट पर गौर करें तो इन चार महीनों में पूर्वी सिंहभूम में 2,00,123 बार बिजली चमकी।

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मिड मानसून 2019 लाइटनिंग रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में इन चार महीनों में 64,55,540 बार बिजली चमकी। दो जून 2019 को सर्वाधिक 2,19,000 बार बिजली की चमक की मैपिंग की गई। झारखंड का पड़ोसी राज्य ओडिशा में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक बिजली चमकने के प्रमाण वैज्ञानिक तरीके से हुई इस लाइटनिंग के दौरान मिले।

झारखंड के आपदा प्रबंधन सलाहकार रह चुके कर्नल संजय श्रीवास्तव के अनुसार झारखंड में वज्रपात से आमतौर पर जुलाई महीने में सर्वाधिक मौतें होती हैं। एक अध्ययन के हवाले से उन्होंने बताया कि वज्रपात से यहां प्रतिवर्ष 200 मौतें होती है। इनमें से 75 फीसद मौत ग्रामीण क्षेत्रों में होती है। मरने वालों में 60 फीसद किसान तथा 30 फीसद बच्चे होते हैं। सुरक्षात्मक कदम उठाकर वज्रपात से होने वाले नुकसान में 70 से 80 फीसद तक कमी लाई जा सकती है।


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