दस दिन में दो लाख से अधिक लोग पहुंचे ट्रेड फेयर में
मोरहाबादी मैदान में लगे इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर के अंतिम दिन काफी लोगों ने खरीदारी की। 10 दिन में दो लाख लोग पहुंचे।
जागरण संवाददाता, रांची: मोरहाबादी मैदान में लगे इंडिया इंटरनेशनल मेगा ट्रेड फेयर के अंतिम दिन लोगों ने जमकर खरीदारी की। अंतिम दिन मेले में करीब 40 हजार से अधिक लोग पहुंचे। हर हैंगर, हर स्टॉल में लोग खरीदारी करते दिखे। वहीं, इस दस दिवसीय मेले का दो लाख से अधिक लोगों ने भ्रमण किया। इधर, रविवार की छुंट्टी के कारण लोगों की भीड़ अधिक रही। लोग सपरिवार मेले का आनंद उठाने पहुंचे। इस दौरान महिलाओं ने जहां जमकर खरीदारी की। वहीं, बच्चों ने खूब मौज मस्ती की। संडे बना फन डे
अंतिम दिन रविवार को अधिकांश लोग सपरिवार मेला घूमने पहुंचे। इस दौरान जहां महिलाएं अपनी जरूरत के सामान खरीदतीं दिखीं। तो बच्चे कुल्फी, समौसे व झूले का लुत्फ उठाते नजर आए। इस बीच मेला घूमकर थक जाने के बाद कुछ लोग परिसर में बैठकर इत्मिनान करते भी नजर आए। इनमें बच्चे, बुजुर्ग व युवा सभी थे। इंटरनेशनल हैंगर रहा पसंदीदा
मेले में मेन गेट से इंट्री के बाद दायीं ओर एक विशेष कॉर्नर बनाया गया था। जहां लोगों से मेले के प्रोडक्ट, स्टॉल और हैंगर को लेकर प्रतिक्रिया मांगी जा रही थी। लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी भी। जिसमें सबसे अधिक लोगों ने पसंदीदा हैंगर, इंटरनेशनल हैंगर को बताया। व पसंदीदा प्रोडक्ट तुर्की के डेकोरेटिव लाइट्स को बताया।
लाइफस्टाइल के चीजों की सबसे अधिक हुई बिक्री
स्टॉल धारकों के मुताबिक मेले में सबसे अधिक बिक्री खाने-पीने के चीजों की और लाइफस्टाइल के वस्तुओं की हुई। इनमें सबसे अधिक साड़ियां, सूट, जूती, सैंडल, मेकअप के सामान आदि वस्तुओं की खरीदारी की। जांच शिविर का किया गया आयोजन
अंतिम दिन लोगों के लिए मेले में निश्शुल्क जांच शिविर का आयोजन किया। चैंबर के ट्रेड उपसमिति द्वारा आयोजित इस शिविर में ह्रदय रोग, ईसीजी, ब्लड प्रेशर, नस रोग, शुगर आदि की जांच की गई। मौके पर अमित किशोर, डॉ प्रशांत कुमार, डॉ सुजीत कुमार व कई अन्य उपस्थित थे। कुछ की रही चांदी-कुछ ने कहा घाटे में रहे
गुजराती नमकीन के स्टॉल धारक ने कहा कि मेले में लोगों को रिस्पांस काफी अच्छा रहा। कारोबार भी काफी अच्छा हुआ। राजस्थान से आए स्टॉल धारक ने कहा कि लोग तो ठीक-ठाक आए। लेकिन कारोबार औसत रहा। इसके अलावा रियल स्टेट के स्टॉल धारकों ने मिली जुली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन्कवायरी के लिए तो लोग आए, लेकिन उनमें कितने ग्राहक में बदलते हैं, देखने की बात है।