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झारखंड के दस जिलों में 31 हजार से ज्यादा कोरोना जांच रिपोर्ट लंबित

अकेले रामगढ़ में 10 हजार मामले एक माह में भी नहीं मिल रही जांच रिपोर्ट। रामगढ़ में चार हजार से अधिक नमूने हो चुके हैं रिजेक्ट। जिले में प्रतिदिन शिविर लगाकर 1000 से अधिक लोगों की हो रही है जांच। एक माह से ट्रूनेट से नहीं हो पा रही जांच।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 05:36 PM (IST)
झारखंड के दस जिलों में 31 हजार से ज्यादा कोरोना जांच रिपोर्ट लंबित
केवल रामगढ़ ज‍िले में 10 हजार जांच लंब‍ित चल रहा है।

रामगढ़ (तरुण बागी)। इस समय झारखंड के दस जिलों में 31 हजार 232 से अधिक कोरोना जांच रिपोर्ट लैब में ही लंबित पड़े हैं। सिर्फ रामगढ़ जिले में करीब दस हजार से अधिक नमूने लंबित हैं। नमूना देने वालों को नहीं पता कि पाजिटिव हैं या निगेटिव। मजबूरी में ये भीड़ का हिस्सा भी बन रहे हैं।

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आलम यह है कि रामगढ़ जिले में नमूना देने के एक माह बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही है। रिपोर्ट क्यों व कहां लंबित है, इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। जिले में विभिन्न केंद्रों पर लिए गए चार हजार से ज्यादा आरटीपीसीआर नमूने रिजेक्ट हो चुके हैं। नमूना एकत्र के दौरान तकनीकी खामियों के कारण रांची रिम्स व हजारीबाग मेडिकल कालेज में जांच ही नहीं हुई। वहीं अभी 6664 आरटीपीसीआर जांच नमूने हजारीबाग मेडिकल कालेज के लैब में लंबित है।

खैर, जिले में प्रतिदिन शिविर लगाकर एक हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो रही है। सर्दी-खांसी, बुखार के लक्षण वाले लोग कोरोना जांच कराने के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। यहां अभी एंटीजेन किट और आरटीपीसीआर से नमूने लिए जा रहे हैं। जिले में एक माह से ट्रूनेट जांच बंद है। राज्य सरकार से वीटीएम किट नहीं मिलने के कारण सदर अस्पताल, गोला, मांडू व पतरातू सीएचसी में ट्रूनेट जांच नहीं हो रही है। मामले की पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि विभिन्न जांच केंद्रों पर नमूना एकत्र करने के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लापरवाही भी बरती जा रही है। नमूने की डाटा इंट्री के साथ उसे सही समय पर हजारीबाग लैब भी नहीं भेजा जा रहा है। सही तरीके से सैंपल नहीं भेजने के कारण इसकी जांच नहीं की जा रही है।

ऐसे समझिए मामला

पांच सितंबर को जिले से आरटीपीसीआर के 1105 नमूने जांच के लिए हजारीबाग मेडिकल कालेज भेजे गए थे। इसमें मात्र 798 की जांच रिपोर्ट सोमवार को आई। यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों का औसतन है। प्राप्त आंकड़े के मुताबिक सोमवार तक हजारीबाग मेडिकल कालेज के लैब में 6664 जांच लंबित है। सीएस आफिस रामगढ़ के नोडल पदाध‍िकारी डा. सत्यप्रकाश कहते हैं क‍ि नमूने जांच के लिए हजारीबाग मेडिकल कालेज भेजे जाते हैं। लैब में जांच सीमित होती है। हजारीबाग में चार-पांच जिले के नमूनों की जांच होती है। इस कारण रिपोर्ट लंबित है। कई तरह की खामियों के कारण रिम्स व हजारीबाग में जिले के चार हजार से अधिक नमूने रिजेक्ट भी हो चुके हैं। वहीं राज्य सर्विलांस पदाधिकारी डा. वीबी प्रसाद ने कहा क‍ि वर्तमान में अधिकतर नमूनों की जांच 24 घंटे के भीतर हो जा रही है। जिलों में जो नमूने लंबित हैं, वे एक या दो दिनों के ही होते हैं। लैब की क्षमता से अधिक नमूने लिए जाने से ऐसा होता है।

इन नौ जिलों में भी जांच रिपोर्ट की लोग कर रहे प्रतीक्षा

सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डा. संजय कुमार सुबोध के अनुसार, लोहरदगा जिले में 8024 जांच रिपोर्ट रांची जिले के इटकी लैब में पेंडिंग है। अधिकतर मामले आरटीपीसीआर से संबंधित हैं। रिपोर्ट लंबित क्यों है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। उधर, पूर्वी सिंहभूम जिले में 3395 नमूने पेंडिंग हैं। यहां रोजाना औसतन पांच हजार से अधिक नमूने लिए जाते हैं। वैसे दो दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो जा रही है। वहीं, पश्चिम सिंहभूम जिले में 4500 जांच रिपोर्ट पेंडिंग है। जबकि, हजारीबाग जिले में लगभग दो हजार जांच पेंडिंग हैं। वहीं, सिमडेगा में भी आरटीपीसीआर की एक हजार जांच पेंडिंग है। जिले में हर तीन दिन पर रांची जिले के इटकी लैब से रिपोर्ट आती है। लातेहार जिले में 566 जांच रिपोर्ट पेंडिंग है। लंबित रिपोर्ट एमआरएमसीएच पलामू से संबंधित हैं। सिविल सर्जन डा. हरेनचंद्र महतो के अनुसार आरटीपीसीआर की जांच के लिए नमूने एमआरएमसीएच पलामू भेजे जाते हैं। उधर, गढ़वा जिले में 427 सैंपल की जांच रिपोर्ट पेंडिंग है। प्रतिदिन लगभग एक हजार सैंपल की जांच की जाती है। वहीं, गुमला सदर अस्पताल के कोविड लैब टेक्नीशियन मो. रिजवान के अनुसार लगभग 1000 सैंपल रांची के इटकी लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट लंबित है। यह सैंपल दो से चार सितंबर के बीच के हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लैब में सर्वरडाउन रहने की समस्या बताई जा रही है। उधर, सरायकेला खरसावां जिले में इस समय 320 आरटीपीसीआर सैंपल पेंडिंग हैं। वैसे चतरा और रांची में एक भी जांच रिपोर्ट पेंडिंग नहीं है।


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