यहां मिलती है मोबाइल को ऑक्सीजन, 10 रुपये में बचती है जान; पढ़ें पूरी खबर Ranchi News
Jharkhand. घोड़थंबा में बिजली नहीं रहने से लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए यहां जेनरेटर का सहारा लेना पड़ता है। यहां लोग 10 किमी दूर से भी मोबाइल चार्ज करने के लिए आते हैं।
रांची, [विवेक आर्यन]। झारखंड के गिरिडीह जिले के राजधनवार प्रखंड में 10-10 दिनों तक बिजली नहीं रहना आज भी आम बात है। ऐसे में लोगों के लिए मोबाइल फोन चार्ज करना एक बड़ी चुनौती हो जाती है। यहां घोड़थंबा चौक पर स्थित एक मोबाइल दुकान में इस मर्ज की दवा उपलब्ध है। इस मोबाइल दुकान में फोन चार्ज करने के लिए 10 किमी की दूरी भी तय करने से नहीं हिचकते हैं।
घोड़थंबा के आसपास के इलाके कुबरी, बरियारडीह, बलहारा, बुधुआटांड आदि क्षेत्रों से लोग पैदल ही चलकर यहां आते हैं। गांव के किसी मोहल्ले से कोई घोड़थंबा बाजार आता है तो उसे दर्जनों घरों के फोन लेकर आना पड़ता है। तीन घंटे बाजार में समय गुजारकर सारे मोबाइल फुल चार्ज होने पर वापस ले जाता है। यहां 10 रुपये प्रति मोबाइल की दर से जेनरेटर से फोन चार्ज किया जाता है।
दुकान में एक साथ 200 फोन चार्ज किए जाते हैं। आपके पास चार्जर हो तो ठीक, नहीं हो तो भी कोई बात नहीं। बैटरी डेड हो तो भी चार्ज करने की व्यवस्था है। मोबाइल फोन को जिंदा रखने के लिए चार्जिंग की व्यवस्था उपलब्ध करानेवाली यह दुकान मोबाइल के आइसीयू की तरह है। दुकान के मालिक टुनटुन कुमार बताते हैं कि यदि कई दिनों से बिजली नहीं रही तो दुकान खुलने से पहले ही लोगों की भीड़ हाथों में मोबाइल लिए दुकान खुलने का इंतजार करती मिलती है।
जेनरेटर से ही जलती है आसपास के दुकानों की लाइट
घोड़थंबा जैसे ऐसे कई छोटे बाजार हैं जहां सैकड़ों की संख्या में दुकानें तो हैं, लेकिन रात में बल्ब जलाने के लिए बिजली नहीं रहती। बलहारा, डोरंडा, बरियारडीह आदि बाजारों में भी लाइट जलाने के लिए जेनरेटर का सहारा लिया जाता है। घोड़थंबा में भी या तो दुकानों में छोटे जेनरेटर हैं या फिर किसी एक के जेनरेटर से दर्जन भर दुकानें रौशन होती हैं। यहां तक कि दो बैंक में भी सारा काम जेनरेटर से ही होता है।
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