मॉब लिंचिंग बर्दाश्त नहीं, स्पीडी ट्रायल में दिलाएं सजा
डीजीपी कमल नयन चौबे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी एसएसपी व डीआइजी को दिए निर्देश रांची
डीजीपी कमल नयन चौबे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी एसएसपी व डीआइजी को दिए निर्देश
रांची, राब्यू : डीजीपी कमल नयन चौबे ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय से सभी रेंज डीआइजी व सभी एसएसपी-एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। मॉब लिंचिंग की घटनाओं की रोकथाम व ऐसी घटनाओं के अनुसंधान विषय पर डीजीपी ने सभी अधिकारियों को दो टूक कह दिया है कि मॉब लिंचिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर ऐसी घटना घटी तो दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
आरोपितों के विरुद्ध ठोस सबूत जुटाकर शीघ्र अनुसंधान करें और स्पीडी ट्रायल में उन्हें सजा दिलाएं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी ने मॉब लिंचिंग के लंबित कांडों की समीक्षा की। मॉब लिंचिंग के मामले में सर्वोच्च न्यायालय से जारी न्यायादेश के प्रत्येक बिंदुओं के अनुपालन तथा ऐसे मामलों की अद्यतन स्थिति की भी डीजीपी ने जिलावार जानकारी ली।
उन्होंने सभी कांडों के शीघ्र अनुसंधान व स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने का निर्देश दिया। यह भी निर्देश दिया कि ऐसे लंबित कांडों की जिलावार समीक्षा रेंज डीआइजी व सीआइडी के स्तर पर जारी रहेगी। पुलिस की सक्रियता से ही तीन वर्ष के भीतर मॉब लिंचिंग के मामले में स्पीडी ट्रायल से कुल चार कांडों में 51 आरोपितों को न्यायालय से सजा हो चुकी है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मॉब लिंचिंग के कांडों की समीक्षा के दौरान डीजीपी ने सभी अफसरों ने मॉब लिंचिंग संभावित क्षेत्रों को चिह्नित करने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं, इसके रोकथाम के लिए उठाए गए निरोधात्मक कदम की भी जानकारी ली। उन्होंने ऐसे मामलों की निरंतर मॉनीटरिग करने व इसपर अंकुश लगाने की हिदायत दी। इसके प्रति जागरूकता के लिए डीजीपी ने रेडियो, टेलीविजन, अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं बैनर/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने का भी निर्देश दिया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के साथ डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, एडीजी सीआइडी अनुराग गुप्ता, एडीजी ऑपरेशन मुरारी लाल मीणा, आइजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह, आइजी अभियान आशीष बत्रा, आइजी प्रोविजन अरुण कुमार सिंह, रेंज डीआइजी रांची अमोल वी. होमकर, एआइजी टू डीजीपी डा. शम्स तबरेज आदि मौजूद थे।
मॉब लिंचिंग के इन चार कांडों में सुनाई जा चुकी है सजा
- लोहरदगा : 17 अप्रैल 2016 की रात लोहरदगा के कैरो प्रखंड अंतर्गत चिपो गाव में भीड़ ने एक परिवार को जिंदा जलाने के लिए घर में आग लगा दी थी। इस मामले में कैरो थाना कांड संख्या 09/16 में प्राथमिकी र्ज की गई थी। इस कांड में कुल 22 अभियुक्तों को सजा हो चुकी है।
- रामगढ़ : 29 जून 2017 को रामगढ़ में एक कारोबारी के वाहन में प्रतिबंधित मास होने की आशका पर भीड़ ने उसे घेर लिया था। भीड़ ने 55 वर्षीय कारोबारी अलीमुद्दीन ऊर्फ असगर अली की पिटाई कर दी जिसमें उसकी मौत हो गई। इस मामले में रामगढ़ थाने में कांड संख्या 198/17 दर्ज की गई थी। इस कांड में कुल 11 अभियुक्तों को सजा हो चुकी है।
- लातेहार : लातेहार जिले के बालूमाथ में 17 मार्च 2016 को गोहत्या के शक में भीड़ ने दो पशु व्यापारियों की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद दोनों के शव पेड़ से लटका दिए थे। मरनेवाले दोनों पशु व्यापारियों में लातेहार के ही हेरहंज थाना क्षेत्र के नवादा गांव निवासी मजलूम अंसारी (35), हेरहंज थाना क्षेत्र के आराहरा गांव निवासी इम्तियाज खान (12) शामिल थे। इस मामले में बालूमाथ थाने में कांड संख्या 42/16 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। स्पीडी ट्रायल में इस कांड के कुल 08 अभियुक्तों को सजा हो चुकी है।
- बोकारो : बोकारो जिले के चंद्रपुरा में 03 अप्रैल 2017 को बच्चा चोरी के आरोप में शमसुद्दीन अंसारी को भीड़ ने बेरहमी से पिटाई कर दी थी। उन्हें गंभीर हालत में रिम्स ले जाया गया था, जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में चंद्रपुरा थाने में कांड संख्या 46/17 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस कांड में कुल 10 अभियुक्तों को सजा सुनाई जा चुकी है।
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