Jharkhand Budget Session: विधायक हर पंचायत में लगवा सकेंगे 5-5 चापाकल
Jharkhand Budget Session 2020. राज्य में सिंचाई आयोग का होगा गठन। बजट में किया गया प्रावधान। चापाकल व कूप निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के विधायक अब प्रत्येक पंचायत में पांच-पांच चापाकल या कूप लगवा सकेंगे। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार झारखंड सिंचाई आयेाग का गठन करेगी। साथ ही झारखंड जल प्रबंधन संस्थान की भी स्थापना की जाएगी। शुक्रवार को विधानसभा में जल संसाधन तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के क्रम में ये बाते सामने आईं।
विधायकों ने इसकी सराहना तो की, लेकिन कुछ विधायकों ने यह भी कहा कि आबादी के लिहाज से यह संख्या कम है, क्योंकि प्रत्येक मुखिया को ही 100 चापाकल निर्माण की शक्ति प्राप्त है। इधर, अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद सरकार का उत्तर देते हुए प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार जल, जंगल और जमीन से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। जल संरक्षण को लेकर राज्य सरकार सारे आवश्यक प्रयास करेगी।
उन्होंने विधायकों की मांगों पर नालियों के पानी को नदियों में बहने से रोकने तथा मूर्ति विसर्जन में तालाबों के प्रदूषित होने से रोकने के लिए इको फ्रेंडली मूर्ति को बढ़ावा देने की भी घोषणा की। सरकार के जवाब के बाद विधायक विनोद कुमार ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया। इसी के साथ जल संसाधन विकास विभाग के 13,31,59,33,000 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें ध्वनि मत से स्वीकृत हो गईं।
खुले में शौच से मुक्त होने पर उठे सवाल
सत्ता पक्ष के विधायकों ने पिछली सरकार में राज्य को खुले में शौच से मुक्त करने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी भी लोग शौचालय के अभाव में खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। वहीं, कई शौचालय के अधूरे व बेकार होने की बातें भी सामने आई है।
आठ साल बाद नए चापाकल का होगा निर्माण
राज्य सरकार ने आठ साल बाद राज्य में फिर से चापाकल निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया है। पिछले आठ वर्षों से नए चापाकल का निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा था।
मिथिलेश ठाकुर बीमार, बन्ना गुप्ता ने दिए जवाब
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर बीमार हो गए हैं। उन्हें तेज बुखार है। इस कारण उनके बदले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उनके विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद सरकार का उत्तर दिया।