भाकपा माले ने विधायक राजकुमार यादव को किया सस्पेंड
राजधनवार के भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव को पार्टी ने निलंबित करते हुए तमाम पदों से हटा दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्यसभा चुनाव के दौरान मतों के अवैध घोषित होने की गाज राजधनवार के भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव पर गिरी है। पार्टी ने उन्हें निलंबित करते हुए तमाम पदों से हटा दिया है। बीते 23 मार्च को संपन्न राज्यसभा चुनाव में उनका वोट रद होने की जांच भाकपा माले की शीर्षस्थ केंद्रीय कमेटी करेगी। भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने पार्टी दफ्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। भाकपा माले अपने निर्णय पर अटल थी, लेकिन आम जनता के सामने छवि बिगाड़ने की कोशिश हुई। दावा किया कि भाकपा माले अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करता। यही वजह है कि गिरिडीह के राजधनवार से विधायक राजकुमार यादव के वोट रद होने की जांच शीर्षस्थ केंद्रीय कमेटी करेगी। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताते चलें कि झारखंड विधानसभा में भाकपा माले का एक विधायक है।
पार्टी ने जताया अफसोस
भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा-हमें विधायक के वोट रद होने का अफसोस है। इस वजह से हमारे राजनीतिक विरोधी हमारी साख और इतिहास पर कीचड़ उछाल रहे हैं। आमजन के सहयोग से इस दुष्प्रचार अभियान का मुकाबला करेंगे। भाकपा माले अपनी छवि धूमिल नहीं होने देगा।
प्रकाश राम को भी झाविमो कर चुकी है निलंबित
राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के भी आरोप लगे। मतदान के दौरान क्रास वोटिंग भी हुई। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के विधायक प्रकाश राम ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला था। 23 मार्च को ही पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया। भाकपा माले के विधायक राजकुमार यादव का वोट तकनीकी कारणों से रद किया गया था। भाकपा माले ने निर्णय किया था कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी धीरज साहू को समर्थन देना है। हालांकि माले विधायक राजकुमार यादव ने वोट तो कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में किया, लेकिन साथ ही नोटा में भी वोट दिया। जिससे उनका वोट अवैध घोषित कर दिया गया। एक अन्य बैलेट पर भी वोट के साथ कुछ लिखा पाया गया था। इसे भी अवैध घोषित कर दिया गया था।
इन विधायकों की जा चुकी है सदस्यता
मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल में झामुमो के अमित महतो समेत अब तक तीन लोगों की सदस्यता जा चुकी है। इससे पूर्व कोयला चोरी के मामले में अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद झामुमो के योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता भी खत्म हो गई थी। उससे पूर्व आजसू के कमल किशोर भगत की सदस्यता रांची के एक प्रसिद्ध चिकित्सक से मारपीट के मामले में सजा सुनाए जाने के कारण खत्म हो चुकी है।
पहले भी दागदार रहा है चुनाव
झारखंड में राज्यसभा चुनाव पहले भी दागदार रह चुका है। 2012 में तो राज्यसभा चुनाव का परिणाम तक रद हो चुका है। उस समय एक प्रत्याशी के करीबी के पास भारी नकदी मिलने की बात सामने आई थी। एक मामले में सीबीआइ जांच भी चल रही है जिसमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा पूर्व विधायकों पर आरोप लगे हैं। क्रास वोटिंग के आरोप जून 2016 में हुए चुनाव में भी लगे थे।