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झारखंड विस: सदन में ओडीएफ पर उलझे रघुवर-प्रदीप, स्‍पीकर ने ली चुटकी

Jharkhand Assembly. झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही बुधवार को शुरू होने के साथ ही सदन में भाजपा विधायक ढूलू महतो ने बोकारो के विस्‍थापितों की मांग उठाई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 06:56 PM (IST)
झारखंड विस: सदन में ओडीएफ पर उलझे रघुवर-प्रदीप, स्‍पीकर ने ली चुटकी
झारखंड विस: सदन में ओडीएफ पर उलझे रघुवर-प्रदीप, स्‍पीकर ने ली चुटकी

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही नियत समय से एक घंटे पहले करीब दस बजे ही शुरू हो गई। पहले प्रश्‍नकाल और फिर ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव पर सत्‍ता पक्ष और विपक्ष में हंसी-ठिठोली के साथ नोकझोंक भी खूब हुई। सदस्‍यों के सवाल पर सरकार की ओर से जवाब दे रहे कई मंत्री तीखे सवालों से असहज हुए। सदस्‍यों के सवालों की चुभन ऐसी कि आसन को बीच-बचाव करने की नौबत आन पड़ी। बहस-मुबाहिसे के इस दौर में स्‍पीकर दिनेश उरांव भी राज्‍य में चल रही कमीशनखोरी पर चुटकी लेने से नहीं चूके।

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झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव प्रदीप यादव ने सदन में कहा कि ओडीएफ में शौचालय बनाने के नाम पर खुलेआम कमीशनखोरी हो रही है। उन्‍होंने आसन की ओर इंगित कर कहा कि अध्‍यक्ष महोदय, 12 हजार के शौचालय में 6 हजार रुपये तक कमीशन लिया जा रहा है। इस बीच सदन में मौजूद रहे मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने सरकार की ओर से मोर्चा संभाला। उन्‍होंने प्रदीप यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि कहीं कोई भ्रष्‍टाचार नहीं हो रहा। तब स्‍पीकर ने प्रदीप यादव की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि माननीय सदस्‍य ने कमीशन की राशि थोड़ी अधिक बता दी है, कमीशन कुछ कम लिया जा रहा है। इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि माननीय अध्‍यक्ष महोदय के क्षेत्र में भले कम कमीशन होगा, लेकिन उनके क्षेत्र में कमीशन 6 हजार ही है।

विधायक अरुप चटर्जी ने भी सदन में प्रश्‍नकाल के दौरान तीखे सवालों की झड़ी लगा दी। भाजपा के विधायक ढूलू महतो एक बार फिर अपनी मांग को लेकर सदन में तल्‍ख तेवर अपनाए रहे। बोकारो के विस्‍थापितों की मांग को लेकर उनके सवालों का जवाब नहीं मिलने पर उनके रवैये को देखते हुए इससे पहले उन्‍हें स्‍पीकर ने मार्शल आउट के बाद एक दिन के‍ लिए निलंबित भी कर दिया था। प्रश्‍नकाल में चर्चा के दौरान सरकार की ओर से विधायकों के सवालों के जवाब दिए जा रहे हैं। कार्यवाही के क्रम में विपक्ष की ओर से कई मुद्दे उठाए जाने हैं। बीते दिन स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन को उपेक्षित रखने पर कड़े लहजे में कहा था कि जनहित में निर्णय नहीं ले सकते तो विधानसभा बंद कर दीजिए।


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