स्कूलों के विलय के विरुद्ध सरकार पर बढ़ा विधायकों का दबाव
राज्य सरकार अगले चरण में लगभग छह हजार स्कूलों के पुनर्गठन का फैसला वापस लेने पर विचार कर रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार अगले चरण में लगभग छह हजार स्कूलों के पुनर्गठन का फैसला वापस लेने पर विचार कर रही है।इस संबंध में सरकार ने अभी कोई नीतिगत निर्णय तो नहीं लिया है न ही इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को कोई आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक इस संबंध में शीघ्र ही कोई बड़ा आदेश आ सकता है। दरअसल, स्कूलों के विलय के विरुद्ध सरकार पर सत्ता पक्ष के विधायकों का लगातार दबाव बढ़ रहा है।
बताया जाता है कि विधानसभा के शीत सत्र के दौरान विधायक दल की हुई बैठक में भी यह मामला उठा था। उस समय मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा था कि सरकार स्तर पर नीतिगत निर्णय लिए जाने तक वे क्षेत्र में जनता को इसे लेकर आश्वस्त करें कि अगले चरण में फिलहाल स्कूलों का विलय नहीं होगा। इधर, सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में उपायुक्तों के साथ हुई बैठक में एक उपायुक्त ने स्कूलों के विलय का विधायकों द्वारा विरोध किए जाने का मामला उठाया।
सूत्रों के अनुसार, इसपर मुख्यमंत्री ने अभी रुकने तथा शीघ्र ही नीतिगत निर्णय लेने की बात कही। हालांकि इस संबंध में उन्होंने कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया। वहीं, विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने पूछे जाने पर बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा स्कूलों के विलय पर रोक लगाने के कोई आदेश की जानकारी से इन्कार किया। बता दें कि नीति आयोग के निर्देश पर पहले चरण में 4,600 स्कूलों का पुनर्गठन किया गया है।
इसके पीछे उद्देश्य बच्चों को एकीकृत स्कूलों के माध्यम से आवश्यक संसाधन व शिक्षक उपलब्ध कराकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इसके विरोध में झारखंड उच्च न्यायालय में भी कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें न्यायालय ने दो याचिकाकर्ताओं पर ही जुर्माना लगाया। विभाग के प्रधान सचिव के अनुसार, स्कूलों के पुनर्गठन का बेहतर परिणाम आया है।