विधायक अशोक सिंह ने जिस दिन मांगी सुरक्षा, उसी दिन बम मारकर करवा दी हत्या; जानें पूरा मामला
Jharkhand. विधायक अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी की ओर से अदालत को जानकारी दी गई। इस मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह सहित तीन को उम्रकैद मिली है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ में विधायक अशोक सिंह हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा पाए पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाइयों की अपील याचिका पर सुनवाई हुई। मंगलवार को विधायक की पत्नी चांदनी देवी की ओर से बहस की गई। हालांकि, उनकी ओर से बहस अधूरी रही। अब इस मामले में बुधवार को भी बहस जारी रहेगी।
सुनवाई के दौरान चांदनी देवी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि विधायक अशोक सिंह ने अपनी हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए तीन जुलाई 1995 को पुलिस को पत्र लिखा था और सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते प्रभुनाथ सिंह से जान का खतरा बताया था, क्योंकि तीन माह पहले ही अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में शिकस्त दी थी।
जिस दिन सुरक्षा के लिए विधायक ने पत्र लिखा था, उसी दिन शाम को बम मारकर उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में दो गवाहों ने प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह को घटनास्थल पर देखने की बात कही है। बता दें कि विधायक अशोक सिंह हत्याकांड मामले में हजारीबाग की निचली अदालत ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह तथा उनके भाई दीनानाथ सिंह व रितेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ तीनों हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की है।