Move to Jagran APP

मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी निर्मल हृदय समेत 30 संस्थाओं पर शिकंजा, 15 तक दें जवाब-नहीं तो मान्‍यता रद

बच्‍चा बेचने का आरोप झेल रही निर्मल हृदय संस्‍था के अलावा 29 अन्‍य संस्‍थानों की जांच में बाल संरक्षण आयोग को व्‍यापक गड़बडि़यां मिली थीं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 02:19 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 02:19 PM (IST)
मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी निर्मल हृदय समेत 30 संस्थाओं पर शिकंजा, 15 तक दें जवाब-नहीं तो मान्‍यता रद
मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी निर्मल हृदय समेत 30 संस्थाओं पर शिकंजा, 15 तक दें जवाब-नहीं तो मान्‍यता रद

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में बच्चों की देखभाल में जुटी मान्यता प्राप्त संस्थाओं की जमीनी हकीकत सामने आ गई है। राज्य में संचालित ऐसे बाल गृहों, विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान व खुला आश्रय गृहों में से कई संस्थानों में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) आदर्श नियम का अनुपालन नहीं हो रहा है। कहीं आधारभूत संरचनाओं  का घोर अभाव है तो कहीं एक-एक कमरे में मानक से अधिक बच्चे पाए गए।

loksabha election banner

इतना ही नहीं सुरक्षा के मानकों पर भी कई संस्थाएं स्थापित बेंचमार्क पर खरी नहीं उतर सकी। इन संस्थाओं में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संबद्ध निर्मला हृदय भी है, जिसपर बच्चों के बेचे जाने का भी आरोप लग चुका है। बहरहाल संबंधित स्तरों से प्राप्त जांच रिपोर्ट का मुआयना करने के बाद महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की इकाई झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था (एससीपीएस) ने निर्मल हृदय समेत ऐसी ढाई दर्जन संस्थाओं को शो-कॉज किया है।

संस्थाओं से 15 नवंबर तक स्पष्टीकरण मांगा गया है। निर्धारित अवधि में जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए संबंधित संस्थाओं का निबंधन रद करने की चेतावनी एससीपीएस ने दी है। बताते चलें कि निर्मल हृदय से बच्चों के बेचे जाने तथा मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह में घटी यौन शोषण की घटना के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को पत्र लिखा था।

मंत्रालय ने संबंधित संस्थाओं की जांच उपायुक्तके दिशानिर्देश में जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों द्वारा कराए जाने को कहा था। मंत्रालय और मुख्य सचिव के निर्देश पर बच्चों के देखभाल में जुटी संस्थाओं की पड़ताल जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के मानकों के अनुरूप की गई।

इन बिंदुओं को बनाया गया जांच का आधार  : संस्थाओं के पास उपलब्ध कमरों की संख्या, केबल नेटवर्क की उपलब्धता,  इंडोर गेम की स्थिति, बच्चों के मनोरंजन के लिए सैरसपाटे की स्थिति, संस्थाओं में फ्लैश, वाश बेसिन, जल निकासी, धोबी, वाशिंग मशीन आदि की मौजूदगी। उम्र के हिसाब से बच्चों का समूह बनाकर उनकी देखरेख, बच्चों के कपड़े, कंप्यूटर, इंटरनेट, फोन आदि की उपलब्धता। व्यावसायिक प्रशिक्षण की स्थिति, गुमशुदा बाल ट्रैक वेबसाइट में बच्चों की एंट्री, बाल समिति के गठन की स्थिति, पोषक आहार, खाना बनाने और खिलाने के स्थल आदि।

इन संस्थाओं से मांगा गया जवाब : सहयोग विलेज, खूंटी (बालगृह, बालक व बालिका, सिमडेगा), विकास केंद्र, हजारीबाग (बालगृह, हजारीबाग), समन्वय संस्थान, गिरिडीह (बालगृह, गिरिडीह), इंटीग्रेटेड सोशल डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन, पलामू (बालगृह एवं विशेष दत्तक ग्रहण संस्था, पलामू), सहयोग विलेज, खूंटी (बालगृह, गढ़वा एवं विशेष दत्तक ग्रहण संस्था बोकारो एवं गढ़वा), सृजन फाउंडेशन, हजारीबाग (विशेष दत्तक ग्रहण संस्था, चतरा), दीया सेवा संस्थान, रांची (खुला आश्रय गृह, रांची)।

सोसाइटी फार रूरल डेवलपमेंट, चतरा (खुला आश्रयगृह, धनबाद), सग्रह समाज उत्थान समिति, पलामू (खुला आश्रय गृह, पूर्वी सिंहभूम) से जवाब मांगा गया है। इन संस्थाओं के अलावा जिन बाल गृहों से स्पष्टीकरण पूछा गया है उनमें ज्योतिषका सरायकेला-खरसावां, केशव माधव बाल आश्रम खूंटी, स्टेप्स खूंटी, नारायणी चैरिटेबल ट्रस्ट धनबाद, पीके मिशन आवासीय बाल गृह धनबाद, रजरप्पा विकलांग सेवा समिति रामगढ़, लोक विकास बिंदु रांची, इडीआइएसएस रांची, समाधान रांची, भारतीय किसान संघ रांची, महर्षि बाल्मीकि विकलांग एवं अनाथ सेवा आश्रम रांची, कंठा सिंह अनाथालय पूर्वी सिंहभूम, मिसेल ओबामा एजुुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी पूर्वी सिंहभूम, स्वाति विवेकानंद ब्लाइंड स्कूल हजारीबाग, बापू अखिल मानव कल्याण केंद्र चतरा तथा सर्वांगीण ग्रामीण विकास समिति गढ़वा शामिल है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.