पति की शह पर चलती कार में महिला से सामूहिक दुष्कर्म
सामूहिक दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपित पूर्व नक्सली संजय प्रमाणिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, तमाड़ (रांची)। जमशेदपुर से रांची घूमने आई महिला के साथ पिछले दिनों तमाड़ के परासी गांव में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपित पूर्व नक्सली संजय प्रमाणिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पति द्वारा अपनी ही पत्नी और बच्चे की हत्या की घिनौनी साजिश सामने आई है। इस मामले में संजय प्रमाणिक का नाम सामने आने के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी थी। शुक्रवार की रात पुलिस ने तमाड़ के रंगामाटी में संजय को घेरकर दबोच लिया।
गिरफ्तार पूर्व नक्सली संजय प्रमाणिक ने बताया कि महिला के पति ने ही पत्नी और पांच साल के मासूम बच्चे की हत्या की सुपारी उसे दी थी, लेकिन महिला को मारने से पहले अपराधियों ने उसके साथ चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस बीच, कार पलट गई और ग्रामीणों के वहां पहुंच जाने से महिला और उसके बच्चे की जान बच गई थी। घटना बीते 29 जुलाई रात की है। संजय के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही महिला का और जेठ फरार हो गए हैं। रांची पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए जमशेदपुर पुलिस के संपर्क में है। कई जगहों पर छापेमारी भी की गई है। इस मामले में कार चालक को पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सामूहिक दुष्कर्म में शामिल एक अन्य आरोपित भी फरार है।
पांच लाख में तय हुआ था मौत का सौदा
गिरफ्तारी के बाद आरोपित ने खुलासा किया है कि महिला के पति और उसके बड़े भाई ने ही महिला और उसके बच्चे की हत्या की सुपारी दी थी। पांच लाख रुपये में मौत का सौदा तय हुआ था। आरोपित को महिला के जेठ के माध्यम से सुपारी दी गई थी। एडवांस के तौर पर बीस हजार रुपये भी दिए गए थे। बुंडू के सूर्य मंदिर व दशम फॉल और दिउड़ी मंदिर घूमने के बाद वापस लौटने के दौरान घटना को अंजाम दिया गया था। अपराधियों ने बुंडू के शिवशक्ति होटल में खाना खाने के बाद तमाड़ मारने के लिए निकले थे।
दूसरे धर्म की थी महिला इसलिए मारने की बनाई योजना
पुलिस के अनुसार, महिला और उसके पति का धर्म अलग-अलग था। दरअसल, महिला के साथ उसका पति शादी नहीं करना चाहता था शादी से पहले ही दोनों में अवैध संबंध बन गए थे। जिसके बाद मजबूरी में उसे शादी करना पड़ा था। पांच वर्ष तक दोनों के बीच सबकुछ ठीक रहा। लेकिन पति हमेशा पत्नी को रास्ते से हटाना चाहता था। महिला के साथ उसका पूर्व पति से जन्मा बच्चा भी था। लेकिन उसने अपने जने बच्चे को उतार लिया था।
समर्पण के बाद छूटकर चला रहा था आपराधिक गिरोह
कुख्यात नक्सली रहे संजय प्रमाणिक ने साल 2010 में रांची के तत्कालीन एसएसपी प्रवीण कुमार सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। लेकिन जेल से निकलने के बाद संजय ने अपना आपराधिक गिरोह बना लिया और इलाके में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा। वर्ष 2012 में भी उसने अपने साथियों के साथ मिलकर तमाड़ की एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। उस मामले में भी उसकी गिरफ्तारी हुई थी जिसके बाद वह जेल से जमानत पर छूटा था। संजय तमाड़ के डुंगीरडीह गांव का रहने वाला है। वह दुर्दांत नक्सली कुंदन पाहन का सहयोगी था। आठ वर्षों तक साथ काम कर चुका है।
दशम फॉल से लौटने के दौरान करवा दिया था अपहरण
जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर निवासी महिला अपने साजिश रचने वाले पति दीपू लाहा और दो बच्चों के साथ बीते 29 जुलाई को रांची आई थी। पूरा परिवार दशम फॉल घूमने के बाद जमशेदपुर लौट रहा था। इस दौरान रात हो चुकी थी। चलते-चलते कार का ड्राइवर किसी से फोन पर लगातार बात कर रहा था। इस दौरान दो युवकों ने कार को रोकने के लिए हाथ दिया था। महिला के कार रोकने से मना करने पर ड्राइवर ने दोनों को रिश्तेदार बताकर रोका और दोनों को बैठाकर आगे बढ़ गया।
बच्चे पर पिस्तौल तानने के बाद चुप हुई थी महिला
प्लानिंग के मुताबिक, कार आगे बढ़ाने के बाद परासी गांव की एक सुनसान जगह पर पहुंचने के बाद कार रोक दिया और पति अपने एक बच्चे के साथ उतर गया। इस दौरान महिला और उसके पूर्व पति से जन्मा बच्चा चीखते-चिल्लाते रहे लेकिन कार में मौजूद राजेश प्रमाणिक ने बच्चे के सिर पर पिस्तौल तान दिया और जान से मारने की धमकी दी। तब महिला चुप हो गई। इसके बाद संजय प्रमाणिक व उसके साथियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। चलती हुई कार तमाड़ के परासी गांव पहुंची जहां एक नाले में फंसकर पलट गई। इस दौरान महिला कार से निर्वस्त्र कूद गई थी। ग्रामीण महिला को संभालते तब तक अपराधी बच्चे को नीचे फेंककर भाग निकले थे।