झारखंड: गढ़वा में अब एक और नाबालिग छात्रा बनी मां, दुष्कर्म का आरोप
गुरुवार की शाम परिजनों ने थाना में आकर पुलिस को मामले की जानकारी दी। गांव में मामले को लेकर कई बार पंचायत भी हो चुकी थी। वहीं आरोपित फरार है।
रांची, जेएनएन। गढ़वा के मझिआंव प्रखंड मुख्यालय में संचालित एक सरकारी बालिका आवासीय विद्यालय में पढ़ाई कर रही आठवीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा के मां बनने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि ऐसा एक और मामला सामने आ गया। अब गढ़वा के भवनाथपुर प्रखंड के एक सरकारी उच्च विद्यालय में अध्ययनरत नौवीं की नाबालिग आदिम जनजाति परिवार की छात्रा के मां बनने से क्षेत्र में सनसनी है। इस मामले में शादी का झांसा देकर छात्रा से यौन शोषण की बात सामने आ रही है।
नाबालिग छात्रा ने 27 नवंबर की रात एक बच्ची को जन्म दिया है। पहले पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर गांव में ही पंचायत कर मामले के निपटारे का प्रयास किया गया। आरोपी द्वारा पंचायत के निर्णय को नहीं मानने के बाद पीडि़ता के परिजन इस घटना की शिकायत को लेकर गुरुवार की शाम थाना पहुंचे। परिजनों ने दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
पीड़िता के पिता ने बताया कि बीते दो वर्षों से उसके गांव के ही रविंद्र कोरवा, पिता संजय कोरवा के साथ उसकी बेटी का प्रेम-प्रसंग चल रहा था। आरोपित रविंद्र कोरवा शादी का झांसा देकर उसकी बेटी के साथ संबंध बनाता रहा। जब बेटी गर्भवती हो गई तो भी वह जल्द ही शादी कर लेने की बात कहता रहा। 27 नवंबर को पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया तो रविंद्र गुजरात भाग गया। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि उक्त मामले को लेकर गांव में तीन बार पंचायत हुई। पहली पंचायत में आरोपी के पिता संजय कोरवा ने रविंद्र कोरवा के नवजात का जैविक पिता होने से इंकार कर दिया। इसके बाद समाज के लोगों ने लड़के से पूछताछ करने की बात कही। इसके बाद दो बार और सामाजिक पंचायत हुई, लेकिन रविंद्र कोरवा पंचायत में शामिल नहीं हुआ। एक माह बीत जाने के बाद सामाजिक पंचायत में न्याय नहीं मिलता देख प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़िता के परिजन द्वारा इस घटना को लेकर अभी तक केवल मौखिक सूचना दी गई है। इनकी ओर से लिखित शिकायत नहीं की गई है। बावजूद पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। -बीएन दुबे, थाना प्रभारी, भवनाथपुर।
मझिआंव की छात्रा के मामले में डॉक्टर व एएनएम पर हुई कार्रवाई
गढ़वा के मझिआंव स्थित एक सरकारी आवासीय बालिका विद्यालय की नाबालिग छात्रा के मां बनने के मामले में एक चिकित्सक, एक नर्स व एनएमएम पर कार्रवाई हुई है। उपायुक्त के निर्देश पर सिविल सर्जन ने इस मामले में सीएचसी में तैनात चिकित्सक डॉ. गोविंद सेठ व ए ग्रेड नर्स निर्मला कुमारी के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करते हुए विभागीय कार्यवाही संचालित करने की अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग से की है। वहीं, ए ग्रेड नर्स निर्मला कुमारी की सहयोगी रही एएनएम बेलावती कच्छप को निलंबित कर दिया है।
बताते चलें कि एएनएम बेलावती कच्छप ने गलत ढंग से नाबालिग छात्रा की जगह ए ग्रेड नर्स निर्मला कुमारी के प्रसव कराए जाने का उल्लेख अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज किया था। नाबालिग छात्रा के प्रसव के बाद ए ग्रेड नर्स निर्मला कुमारी ने उसके बच्चे को अपने पास रख लिया था और उसे अपना बच्चा बता रही थी। प्राथमिकी दर्ज कराए के बाद निर्मला कुमारी ने सीडब्ल्यूसी के पास नाबालिग छात्रा द्वारा बच्चे को जन्म देने की बात स्वीकार करते हुए बच्चे को भी सौंप दिया था। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बेलावती कच्छप को भी दोषी मानते हुए निलंबन की कार्रवाई की है। वहीं चिकित्सक डॉ. गोविंद सेठ ने भी इस मामले पर परदा डालने का काम किया।
फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दे रही है दबिश
मझिआंव के सरकारी आवासीय विद्यालय की नाबालिग छात्रा के मां बनने के प्रकरण में दर्ज प्राथमिकी के अभियुक्तों में से फरार चल रहे तीन लोगों की छापेमारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। हालांकि अभी तक इसमें पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी है। इस मामले के दो नामजद अभियुक्त चंदन मेहता व ए ग्रेड नर्स निर्मला कुमारी न्यायिक हिरासत में हैं। अभी तक स्नेहलता सिंह, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लाल बहादुर मेहता व चिकित्सक डॉ. गोविंद सेठ फरार हैं।