बजट खर्च में रणधीर व बाउरी पिछड़े, रघुवर-सीपी सिंह आगे
मंत्रियों की परफार्मेंस के इस मानक पर कृषि मंत्री रणधीर सिंह पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए हैं।
आनंद मिश्र, रांची। राज्य सरकार के मंत्री किस कदर जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं, यह उनके विभाग में अब तक हुआ खर्च बयां कर रहा है। मंत्रियों की परफार्मेंस के इस मानक पर कृषि मंत्री रणधीर सिंह पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए हैं, जबकि मुख्यमंत्री रघुवर दास और मंत्री सीपी सिंह अव्वल रहे हैं।
कुल बजटीय उपबंध 75673.42 करोड़ के सापेक्ष अक्टूबर तक राज्य के विभिन्न महकमों में 29591.71 करोड़ (39 फीसद) रुपये व्यय हुए हैं। हालांकि पेंशन, लोन, ब्याज व अन्य मदों के लिए बजट में किए गए प्रावधान को हटा दें तो मूल विभागों का बजट 61421.95 करोड़ था जिसके सापेक्ष अक्टूबर माह के अंत तक खर्च 25730.98 करोड़ (41.89 फीसद) रुपये रहा। किसानों की दशा सुधारने के लिए अलग कृषि बजट विधानसभा में पेश किया गया था।
भारी भरकम बजट भी बनाया गया। कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग के लिए 3036.95 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया, इसके सापेक्ष 31 अक्टूबर तक खर्च महज 419.59 करोड़ (13.82 प्रतिशत) ही खर्च हो सके। कमोबेश छोटे बजट का विभाग रखने वाले राज पलिवार भी जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाएं हैं। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के कुल बजटीय प्रावधान 299.63 करोड़ के सापेक्ष खर्च महज 21 फीसद 63.12 करोड़ ही हुआ है। मुख्यमंत्री रघुवर दास से जुड़े विभाग बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं। उनके दर्जन भर से अधिक विभागों की समेकित खर्च की उपलब्धि 52.29 फीसद रही।
वहीं, नगर विकास और परिवहन मंत्री सीपी सिंह के विभाग नगर विकास का व्यय 1429.29 करोड़ रहा जबकि परिवहन का 156.51 करोड़। अमर कुमार बाउरी राजस्व में तो बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं लेकिन पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेल में फिसड्डी साबित हुए हैं। नीरा यादव की समेकित उपलब्धि औसत खर्च से बेहतर रही है। चंद्रप्रकाश चौधरी का पेयजल विभाग का खर्च तो औसत बजट खर्च से अधिक रहा है लेकिन जल संसाधन में वे महज 34 फीसद की राशि खर्च कर सके हैं। नीलकंठ सिंह मुंडा, लुइस मरांडी, रामचंद्र चंद्रवंशी और सरयू राय भी औसत बजट खर्च से कम खर्च कर सकें हैं।
पांच माह में 60 फीसद खर्च चुनौती
बीते सात माह में 39 फीसद बजट राशि व्यय हुई है इस लिहाज से देखें तो शेष बचे पांच माह में 60 फीसद से अधिक राशि का व्यय राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट लीक से अलग हटकर पेश किया था। योजना और गैर योजना से इतर इस बजट को समेकित रूप में पेश किया गया था। कुल 75673.42 करोड़ के बजट में स्थापना व्यय के रूप में 31169.74 करोड़ रुपये रखे गए थे जबकि राज्य योजना खर्च के लिए 44503.68 करोड़ का प्रावधान किया गया था।
सीएम समेत मंत्रियों की परफार्मेंस
मंत्री विभाग बजट व्यय (प्रतिशत में ) रघुवर दास ऊर्जा, गृह, उद्योग, सड़क व अन्य 52.29सीपी सिंह नगर विकास 55.32 परिवहन 53.21अमर कुमार बाउरी राजस्व 52.30 पर्यटन, कला, खेल 25.23नीरा यादव उच्च शिक्षा 48.84 स्कूली शिक्षा 43.23चंद्रप्रकाश चौधरी पेयजल एवं स्वच्छता 44.62 जल संसाधन 34.63नीलकंठ सिंह मुंडा ग्रामीण विकास 37.92लुइस मरांडी कल्याण 24.29 सामाजिक कल्याण 34.14रामचंद्र चंद्रवंशी स्वास्थ्य 33.19सरयू राय खाद्य आपूर्ति 21.77राज पलिवार श्रम नियोजन 21.07रणधीर सिंह कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता 13.82
खर्च करने में आगे रहे पांच टॉप विभाग
विभाग बजट आउटले व्यय प्रतिशत सूचना एवं जनसंपर्क 114.28 88.26 77.23गृह, कारा व आपदा प्रबंधन 4713.86 2945.27 62.48नगर विकास एवं आवास 2584.45 1429.82 55.32ऊर्जा 6000.00 3267.97 54.47परिवहन 294.16 156.51 53.21
टॉप फाइव फिसड्डी विभाग
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता 3036.95 419.59 13.82
उद्योग एवं खान 561.20 79.26 14.12
आइटी एंड ई-गर्वेनेंस 209.99 43.25 20.60
श्रम नियोजन एवं परिश्रण 299.63 63.12 21.07
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग 1391.19 302.83 21.77
(नोट : राशि करोड़ रुपये में है।)