मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा- जैन धर्म ने दिया त्याग, अहिंसा और समाज कल्याण का संदेश
जैन धर्म में दीक्षा ग्रहण करने के पहले तीर्थस्थलों का दर्शन करने निकले 72 दीक्षार्थी पारसनाथ पहाड़ी स्थित सम्मेद शिखरजी का दर्शन करने के बाद रविवार को रांची पहुंचे। वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर कृषि मंत्री बादल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुरने उनका स्वागत किया।
रांची,राब्यू। जैन धर्म में दीक्षा ग्रहण करने के पहले तीर्थस्थलों का दर्शन करने निकले 72 दीक्षार्थी पारसनाथ पहाड़ी स्थित सम्मेद शिखरजी का दर्शन करने के बाद रविवार को रांची पहुंचे। इस मौके पर झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव, पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, कृषि मंत्री बादल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा. राजेश गुप्ता छोटू समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह में जैन धर्म का सबसे बड़ा दीक्षा महोत्सव सूरत में होने जा रहा है। ये सभी दीक्षार्थी उसमें शामिल होंगे। पारसनाथ और रांची होते हुए ये दीक्षार्थी सूरत जा रहे हैैं।
वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने दीक्षाॢथयों का स्वागत करते हुए कहा कि बौद्ध और जैन धर्म ने दुनिया को सत्य, अङ्क्षहसा, शांति, करुणा, प्रेम, भाईचारे और त्याग का संदेश दिया है। इनसे समाज को सीखने की जरूरत है। हम सभी इस भावना को नमन करते हैैं। आप सबों ने समाज की सेवा के लिए सुख, ऐश्वर्य और आराम की जिंदगी का त्याग करते हुए साधु जीवन को चुना। यह प्रेरणा दायक है। राज्य सरकार इन सभी दीक्षाॢथयों का स्वागत करती है। आने वाले समय में इन्होंने जो कठिन जीवन व्यतीत करने का निर्णय लिया है, वह बढिय़ा से बीते, यही ईश्वर से कामना है। आने वाले समय में इससे समाज में प्रेम और भाईचारे में बढ़ोत्तरी होगी।
मुख्य अतिथि कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा दीक्षांत लेने जा रहे भाइयों बहनों का अभिनंदन करते हुए मुझे अपार खुशी हो रही है। इस पवित्र काम में हम सभी आपके साथ हैैं। जैन समाज का जो उद्देश्य है उस उद्देश्य की प्राप्ति में आप निरंतर आगे बढ़ेंगे। सम्मान समारोह का संचालन करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा धन, दौलत, आराम, परिवार, ऐशो आराम के सारे सुख को छोड़कर दुनिया की सारी माया मोह को त्याग कर अपना पूरा जीवन भगवान की शरण में गुजार देने का फैसला किया है। यह कोई साधारण फैसला नहीं है।
उन्होंने कहा कि ईश्वर आप सब दीक्षाॢथयों को अपार शक्ति दे, ताकि समाज का पथ प्रदर्शन करें।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा जैन धर्म की दीक्षा को समझने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है इसकी मूल भावना को समझना, जैन धर्म के पांच मूल सिद्धांत सत्य,अहिंसा, ब्रह्मचर्य,अचौर्य, अपरिग्रह। इन सिद्धांतों को मानकर गुरु से दीक्षा लेते हैं और फिर अपने घर परिवार को कभी मुड़कर नहीं देखते।
स्वागत एवं सम्मान समारोह में जैन समाज की ओर से वरिष्ठ सहयोगी संपत लाल रामपुरिया, अमरचंद बेगानी, सुरेश जैन बोथरा, रीखब चंदू भंशाली, विनायक मेहता, राजकुमार रामपुरिया,प्रकाश जी पारक आ्द ने दीक्षार्थी भाइयों-बहनों का स्वागत व सम्मान किया।