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सीटी स्कैन मशीन की खरीद पर मंत्री ने लगाई रोक, निदेशक-एचओडी के बीच विवाद बरकरार

रिम्स में सीटी स्कैन मशीन की खरीद को लेकर विवाद अब भी बरकरार है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 02:15 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:15 AM (IST)
सीटी स्कैन मशीन की खरीद पर मंत्री ने लगाई रोक, निदेशक-एचओडी के बीच विवाद बरकरार
सीटी स्कैन मशीन की खरीद पर मंत्री ने लगाई रोक, निदेशक-एचओडी के बीच विवाद बरकरार

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स में सीटी स्कैन मशीन की खरीद को लेकर विवाद अब भी बरकरार है। मशीन ऑर्डर करने के बाद से लगातार रिम्स निदेशक व रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी के बीच जंग जारी है। रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश टोप्पो विभाग में 256 स्लाइड की सीटी स्कैन मशीन लगाने में अड़े हैं और निदेशक डॉ. डीके सिंह ने 128 स्लाइड की मशीन की खरीद की है। विवाद बढ़ते-बढ़ते स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचा और उन्होंने मशीन की खरीद प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। लेकिन इसके बाद विवाद और भी गहरा हो गया। बुधवार को रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह एक विज्ञप्ति जारी कर रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश टोप्पो पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि रिम्स की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने में अड़ंगा डाल कर डॉ. टोप्पो प्राइवेट सेक्टर को लाभ पहुंचा रहे हैं। इधर डॉ सुरेश टोप्पो ने भी कई गंभीर मढ़े। उन्होंने कहा कि रिम्स निदेशक को यह बताना चाहिए कि 12 साल पुरानी (2008 मॉडल) आउटडेटेड सिटी स्कैन मशीन खरीदने में किसका फायदा हो रहा है। वह भी एक नहीं दो-दो। बताते चलें कि सिटी स्कैन खरीद विवाद के कारण ही स्वास्थ्य मंत्री ने इसपर रोक लगा दी है। रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह और अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश टोप्पो की ओर से 128 स्लाइड की सीटी मशीन को आउटडेटेड कहा जा रहा है। जबकि झारखंड के किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में 128 स्लाइड सिटी के ऊपर की मशीन नहीं है। रिम्स निदेशक ने एचओडी डॉ. टोप्पो के एक्सपीरियंस पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि उनके पास क्या एक्सपीरियंस है जो कि जीई, सिमंस जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां, जिनका की रेडियोलॉजी रिसर्च में पूरी दुनिया में नाम है की मशीनों को आउटडेटेड बता रहें है। क्या डॉ. टोप्पो के शौक के लिए 26 करोड़ रुपए खर्च किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सचिव खुद एक चिकित्सक हैं। उन्होंने सभी पक्ष सुनने के बाद 128 सीटी स्कैन का अनुमोदन किया है।

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12 साल पुरानी मशीन खरीदने से किसका हो रहा फायदा : डॉ. सुरेश टोप्पो

इस मामले में रेडियोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश टोप्पो ने कहा कि जब उन्होंने रिम्स निदेशक के आउटडेटेड 128 स्लाइड सिटी स्कैन मशीन खरीदने के निर्णय का विरोध किया तो वे व्यक्तिगत आरोप लगा रहे हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि 12 साल पुरानी मॉडल की दो मशीनें खरीदने में किसका फायदा हो रहा है। कंपनी रिम्स को पुरानी मशीन क्यों दे रही है। और रिम्स उसे क्यों ले रहा है। जिस पीजीआइ चंडीगढ़ का हवाला देकर 128 स्लाइड सिटी स्कैन मशीन खरीदी जा रही है, वहा भी 256 से स्लाइड की दो लेटेस्ट मशीनें लगाई जा चुकी हैं। ऐसी मशीन खरीदने से क्या फायदा होगा, जिसके पा‌र्ट्स अगले दो चार पाच साल बाद मिलने बंद हो जाएंगे। उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? ---------

निदेशक, डॉ. टोप्पो से माफी मांगे वरना टीएमए करेगा आंदोलन

इधर, पूरे मामले की सूचना मिलने पर ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन (टीएमए) भी रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष के साथ खड़ा हो गया है। टीएमए के सचिव डॉ. नीशिथ एक्का ने कहा कि डॉ. टोप्पो को बदनाम करने के रिम्स निदेशक के प्रयास का ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन विरोध करता है। वहीं टीएमए ने रिम्स में बगैर टेंडर के हो रही उपकरणों की खरीद पर मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है। टीएमए ने कहा कि रिम्स निदेशक रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष से बिना किसी शर्त के माफी मांगे वरना टीएमए उनके खिलाफ आंदोलन को विवश होगा। डॉ. एक्का ने कहा कि निदेशक द्वारा जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है इससे साबित होता है कि वे आदिवासी डॉक्टरों को परेशान करने की साजिश में लगे है।


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