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आदिवासियों से माफी मांगे सांसद रामटहल चौधरी: विपक्ष

रांची : सांसद रामटहल चौधरी ने एचईसी की स्थापना के क्रम में आदिवासियों को मिली राशि से शराब पीने के संदर्भ में।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 07:08 AM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 07:08 AM (IST)
आदिवासियों से माफी मांगे सांसद रामटहल चौधरी: विपक्ष
आदिवासियों से माफी मांगे सांसद रामटहल चौधरी: विपक्ष

रांची : सांसद रामटहल चौधरी ने एचईसी की स्थापना के क्रम में आदिवासियों को मिली राशि को लेकर बयान दिया था कि इस राशि का प्रयोग शराब पीने और रेडियो खरीदने में किया गया। बयान जिन परिस्थितियों में भी दिया गया हो, इस पर राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इस मामले में रामटहल से माफी मांगने की वकालत की है। झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और राजद ने रामटहल चौधरी के बयान को आदिवासी विरोधी बताते हुए इसे आरएसएस का एजेंडा भी करार दिया।

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झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सांसद को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। दारू पीनेवाले सिर्फ आदिवासी नहीं बल्कि सभी बिरादरी में हैं। ऐसे में दारू के नाम पर सिर्फ आदिवासियों को बदनाम करना गलत है और भाजपा सांसद को कोई हक नहीं है कि दारू के नाम पर आदिवासियों को बदनाम करें। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने इस मामले में रामटहल चौधरी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए माफी मांगने की बात कही है। पार्टी के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सोच आदिवासियों को अपमानित करनेवाली है अैार इस बयान से इसका खुलासा हो रहा है। सांसद होकर उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। दलितों-आदिवासियों को अपमानित करनेवाले इस बयान पर पर अर्जुन मुंडा सरीखे नेताओं को अपना पक्ष रखना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि यह आरएसएस के एजेंडे पर दिया गया बयान है।

झारखंड विकास मोर्च के महासचिव बंधु तिर्की ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांसद रामटहल चौधरी का यह बयान हास्यास्पद है। उनकी बात से यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा आदिवासियों के बारे में क्या सोच रखती है। आदिवासियों को अब चेत जाना चाहिए। भाजपा कभी उनका भला नहीं सोच सकती।

राजद के प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि भाजपा को गरीबों से कोई लेना देना नहीं रहा है। उसकी भूमिका गरीबों के प्रति अन्याय वाली रही है। राज्य अलग होने के बाद अगर कोई तबका सबसे अधिक प्रभावित हुआ है तो वह है आदिवासी। जनता को भाजपा का दोहरा चरित्र समझना होगा।

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