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सरकार चिकित्सकों पर ध्यान दे, नहीं तो होगा आंदोलन

झासा की कार्यकारिणी बैठक में उठा मामला

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 09:45 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 09:45 AM (IST)
सरकार चिकित्सकों पर ध्यान दे, नहीं तो होगा आंदोलन
सरकार चिकित्सकों पर ध्यान दे, नहीं तो होगा आंदोलन

जागरण संवाददाता, रांची : सरकार चिकित्सकों की मांगों को अनदेखी कर रही है। अगर उनकी मांगों पर गंभीरता से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई तो प्रदेश के चिकित्सक चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। उनकी कई मांगे हैं, जो पिछले कई वर्षो से चिकित्सकों से की जा रही है। यह बातें झासा (झारखंड हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन ) के सचिव डॉ. बिमलेश सिंह ने आइएमए हॉल में आयोजित झासा के कार्यकारिणी बैठक में कही। अन्य चिकित्सकों ने भी अपने संबोधन में यह मांग दोहराई।

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क्या हैं मांगें

डॉ. बिमलेश सिंह ने कहा कि अब तक 300 चिकित्सक ऐसे हैं, जिन्हें अब तक डायनेमिक एसीपी का लाभ नहीं मिला है। चिकित्सकों की प्रोन्नति का मामला भी लंबित है। चिकित्सकों से काम स्पेशलिस्ट के तौर पर लिया जाता है, लेकिन उन्हें किसी भी तरह का लाभ नहीं दिया जाता है। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ चिकित्सकों की सेवा संपुष्टि नहीं हुई है, जबकि, दो वर्ष पूरे होते ही सेवा संपुष्टि मिलनी चाहिए सहित अन्य कई मांगे लंबित है, जिस ओर सरकार की नजरें नहीं जा रही है।

28 अक्टूबर को होगा झासा, स्टेट का होगा चुनाव बैठक में निर्णय लिया गया कि झासा की नई कार्यकारिणी का गठन करने के लिए 20 सितंबर से 14 अक्टूबर तक नॉमिनेशन, 14 से 16 तक स्क्रूटनी, 16 से 18 नाम वापसी की तिथि और चुनाव की तिथि 28 अक्टूबर रखी गई है। उसी रोज परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी।

इस मौके पर झासा के अध्यक्ष डॉ. यूसी सिन्हा, डॉ. सुमंत मिश्रा, डॉ. राजमोहन, डॉ. नवीन कुमार ने झासा में सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करने की बात कही। आइएमए के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सकों को खुद ही अपनी लड़ाई लड़नी होगी। इसके लिए चिकित्सकों की एकजुटता जरूरी है।

आइएमए ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की आइएमए ने चिकित्सकों पर हो रहे बार-बार हमले की निंदा की है। इसी के तहत साहेबगंज स्थित सौर्य सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में डॉ. विजय कुमार के साथ कुछ लोगों द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया। आइएमए, झारखंड शाखा के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने सरकार से मांग की है कि दोषियों पर कार्रवाई हो। अक्सर अस्पताल में परिजनों के नाराजगी का शिकार चिकित्सकों को होना पड़ता है। ऐसे कब तक चिकित्सक डर के माहौल में मरीजों का उपचार करेंगे। सरकार को चाहिए वह चिकित्सकों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराए, ताकि मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके।


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