यूजीसी के फैसले का अधिकतर ने किया स्वागत, कुछ ने कहा जल्दबाजी
यूजीसी एक नवंबर से सभी विश्वविद्यालयों में नया सत्र शुरू करने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता रांची : यूजीसी एक नवंबर से सभी विश्वविद्यालयों में नया सत्र शुरू करने का निर्णय लिया है। इस पर शिक्षाविदें में एक मत नहीं है। कुछ ने निर्णय को सराहा है तो कुछ ने इसे जल्दबाजी कहा। कहा, कई बिंदुओं को स्पष्ट नहीं किया गया है। सेकंड और थर्ड ईयर की पढ़ाई को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन तैयार नहीं किया गया है। शिक्षकों ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में ऑनलाइन पढ़ाई ही बेहतर है। ऑफलाइन कक्षाएं से स्थिति और खराब हो सकती है।
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क्या कहते हैं विवि के शिक्षक
एक नवंबर से सत्र शुरू करना सराहनीय है। जरूरत पड़ने पर ऑनलाइन कक्षाएं भी चलाई जा सकती है। सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों के लिए कक्षा और परीक्षा संबंधित निर्देश स्पष्ट नहीं है।
राजेश सिंह, सहायक प्राध्यापक, डीएसपीएयू - ऑफलाइन कक्षा संभव नहीं है। अभी ऑनलाइन कक्षा ही ठीक है। परीक्षा के लिए अभी काफी समय है। बीएससी और एमएससी की सभी छात्रों की परीक्षाएं इतने कम समय में नहीं ली जा सकती है।
जीसी बास्के, असिस्टेंट प्रोफेसर, डीएसएमपीयू एक नवंबर से नए सत्र को शुरू करने का फैसला स्वागतयोग्य है। यूजीसी द्वारा जो कैलेंडर तैयार किया गया है वह छात्र हित में है। यूजी और पीजी की परीक्षा को लेकर पर्याप्त समय दिया गया है।
डॉ. अभय कृष्णा सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, डीएसएमपीयू - नामांकन कैंसिल करने या दूसरे यूनिवर्सिटी में माइग्रेट करने की स्थिति में पूरी फीस वापस करने का निर्णय सराहनीय है। अगले साल तक सेशन लगभग ठीक हो जाएगा। कैलेंडर बिल्कुल सही है।
डॉ. राजकुमार सिंह, रांची विवि - वैक्सीन आने में अभी समय लगेगा। कोरोना के साथ-साथ सभी को अपने कार्यों का निष्पादन करना होगा। इसी दिशा में यूजीसी की यह पहल सराहनीय है। ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन पढ़ाई की भी महत्ता है।
डॉ. आनंद कुमार ठाकुर, रांची विवि - यूजीसी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश स्वागत योग्य है। लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे अभिभावकों को वित्तीय संकट से गुजरना पड़ा है। तीनों प्रकार की शिक्षण व्यवस्था को स्वीकार किया गया है।
डॉ. राजकुमार शर्मा, रांची विवि -यूजीसी का निर्देश अच्छा है। इसमें उच्च शिक्षा को पुन: पटरी पर लाने के लिए ठोस कदम उठाने की बात की गई है। 31 अक्टूबर तक नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने व एक नवंबर से कक्षा प्रारंभ करना है।
डॉ. ब्रजेश कुमार, डोरंडा कॉलेज - यह काफी सराहनीय प्रयास है। अब आवश्यकता इस बात की है कि कोविड के बढ़ते संकट के मद्देनजर विश्वविद्यालय खुद को तैयार करे। क्योंकि विलंब का असर अगले शैक्षणिक सत्र पर भी पड़ेगा।
डॉ. नीलू सिंह, डोरंडा कॉलेज