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Jharkhand News: 27 प्रतिशत अधिक मूल्य पर खरीदी जा रही दवा, हाई कोर्ट ने रिनपास और राज्य सरकार को भेजा नोटिस

Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में रिनपास में दवा खरीदारी के टेंडर में अनियमितता के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार और रिनपास को नोटिस जारी किया है।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 10:38 AM (IST)
Jharkhand News: 27 प्रतिशत अधिक मूल्य पर खरीदी जा रही दवा, हाई कोर्ट ने रिनपास और राज्य सरकार को भेजा नोटिस
झारखंड हाई कोर्ट में रिनपास में दवा खरीदारी के टेंडर में अनियमितता के मामले की याचिका पर सुनवाई हुई।

रांची, राब्यू । झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में रिनपास में दवा खरीदारी के टेंडर में अनियमितता के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार और रिनपास को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा टेंडर पाने वाली कंपनी क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल को भी ई-मेल के जरिए नोटिस भेजने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान अदालत ने कहा कि अगर इस बीच रिनपास की ओर से दवा खरीद के लिए कार्यादेश दिया जाता है, तो वह कोर्ट के अंतिम फैसले से प्रभावित होगा।

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रिनपास में करीब चार से पांच करोड़ रुपये की दवा खरीदी जानी है। इस मामले में टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर ज्यादा दाम पर दवा खरीद का आरोप लगाते हुए सीएल लैब और सिटी फार्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने अदालत को बताया कि टेंडर की शर्तों में सभी को दस टैबलेट का मूल्य देना था। सभी ने ऐसा किया, लेकिन क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल ने एक टैबलेट का दाम कोट किया। जिसके बाद टेंडर समिति ने सभी कंपनियों की ओर से दवा के मूल्यों का दस गुणा कर एक चार्ट तैयार किया।

इसमें ऐसा दिखाया गया है कि सभी कंपनियों की ओर से दस टैबलेट का ही मूल्य दिया गया। जबकि क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल ने मात्र एक टैबलेट का मूल्य कोट किया था। ऐसा करने की वजह से करीब 27 प्रतिशत ज्यादा मूल्य पर दवा खरीदी जा रही है। इसके अलावा टेंडर में लोकल वितरक को शामिल होना था, जबकि क्यूरोफाइ फार्मास्यूटिकल बैंगलोर की कंपनी है। इसके बाद अदालत ने रिनपास और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 18 नवंबर तक जवाब मांगा है।

नाबालिग को आठ साल से जेल में रखने का मामला पहुंचा हाई कोर्ट

हत्या के एक मामले में नाबालिग को करीब आठ साल से जेल में रखने का मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंचा है। अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर नाबालिग को जल्द से जल्द जेल से बाहर निकालने का आदेश देने का कोर्ट से आग्रह किया है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस की गलती की वजह से नाबालिग सात साल तक जेल में रहा और अभी वह रिमांड होम में बंद है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अनुसार नाबालिग को अधिकतम तीन साल की सजा दी जा सकती है। मामले में अभी ट्रायल भी नहीं शुरू हुआ है। ऐसे में उसे तीन साल से अधिक जेल में रखना अवैध है। पुलिस की गलती की वजह से उक्त नाबालिग का बचपन और पढ़ाई बाधित हो गया है। पढ़ाई नहीं होने की वजह से उसे अब नौकरी नहीं मिलेगी।

ऐसे में राज्य सरकार की ओर से उसके जीवनयापन करने के लिए उचित मुआवजा दिए जाने का कोर्ट से आग्रह किया गया है। अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने बताया कि नाबालिग बोकारो का रहने वाला है। उसके माता-पिता की मौत हो गई है। जिसके बाद वह रांची अपने चाचा के यहां रहने आया था। वर्ष 2013 में एक व्यक्ति की हत्या में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने इसे बालिग बताकर जेल भेज दिया था।


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