विधानसभा में तीसरी बार आ सकता है मेडिकल प्रोटेक्शन बिल, शीत सत्र में पेशी के आसार
Medical Protection Bill. झारखंड विधानसभा के 24 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में झारखंड चिकित्सा मेडिकल बिल आ सकता है
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा के 24 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में झारखंड चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों, चिकित्सा सेवा संस्थान (¨हसा एवं संपत्ति नुकसान निवारण) विधेयक आ सकता है। यह विधेयक तीसरी बार विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, विभाग ने विधेयक और प्रवर समिति की रिपोर्ट दोनों विधानसभा सचिवालय को भेज दिया है। आगे की कार्रवाई विधानसभा सचिवालय को ही करनी है।
पिछले साल यह विधेयक दूसरी बार पटल पर रखा गया था, लेकिन इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया था। प्रवर समिति की अनुशंसाओं के बाद इसे तीसरी बार विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि प्रवर समिति ने मेडिकल प्रोटेक्शन विधेयक में सजा के प्रावधानों को कम कर दिया है। चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों से मारपीट करना तथा चिकित्सा संस्थानों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अब गैर जमानतीय अपराध नहीं होगा।
समिति ने 'गैर जमानतीय' के स्थान पर 'दंड प्रक्रिया संहिता के नियम 41 ए के प्रावधानों का अनुपालन किया जाएगा' जोड़ने की अनुशंसा की है। इसके तहत, आरोपी की गिरफ्तारी से पहले उसे लिखित नोटिस दी जाएगी। साथ ही आरोपी का पक्ष सुने बिना उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी। प्रवर समिति ने आरोप सिद्ध होने पर दोषी व्यक्तियों को नुकसान हुई संपत्ति की दोगुनी राशि चुकानी होगी के प्रावधान से 'दोगुनी' शब्द को हटाने की अनुशंसा की है। इससे अब नुकसान हुई संपत्ति की ही भरपाई करनी होगी। वहीं, दोषी कराए किए जाने पर तीन साल की सजा के प्रावधान को घटाकर 18 माह कर दिया गया है। 50 हजार रुपये जुर्माने के प्रावधान को बरकरार रखा गया है।