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रांची शहर को चाहिए फुटपाथ और फ्लाईओवर

कुमुद झा कहते हैं कि शहर को इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के लिए सरकार के मुख्य सचिव के नेतृत्व में को-आर्डिनेशन कमेटी का गठन होना चाहिए।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 06:00 AM (IST)
रांची शहर को चाहिए फुटपाथ और फ्लाईओवर

रांची मौसम और प्राकृतिक आभा के लिए प्रसिद्ध है। शहर का लगातार विस्तार हो रहा है। आबादी बढ़ रही है। बढ़ रही आबादी और विस्तार के मद्देनजर शहर को समृद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर की दरकार है। इसके लिए सरकार ही नहीं, शहरवासियों को भी मजबूत इच्छाशक्ति के साथ काम करना पड़ेगा। विकास पथ पर लगातार बढ़ते रांची को कुमुद झा ने पिछले 30 सालों में बड़े करीब से देखा है।

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पेशे से सिविल इंजीनियर कुमुद झा पिछले तीस वर्षों से रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। झा रांची शहर में करीब एक दर्जन अपार्टमेंट्स और कॉलोनी का निर्माण कर चुके हैं और लगातार कर रहे हैं। इनके द्वारा निर्मित अपार्टमेंट्स में हेरिटेज गार्डन टॉवर, द हेरिटेज, हेरिटेज सिटी, नीलांबर आवास, अयोध्या इंक्लेव आदि शुमार हैं। कुमुद झा कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, झारखंड चैप्टर के प्रेसिडेंट हैं। इसके साथ ही फिकॉन कंस्ट्रक्शन एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं।

कुमुद झा कहते हैं कि शहर को इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के लिए सरकार के मुख्य सचिव के नेतृत्व में को-आर्डिनेशन कमेटी का गठन होना चाहिए। जिसमें शहरी विकास, भूमि अधिग्रहण, पीएचईडी, बीएसएनएल, पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों के सचिव सदस्य हों। ताकि विकास के लिए लिए जाने वाले फैसले प्रभावी ढंग से अमल हो सके। 

शहर में फुटपाथ की बड़ी कमी दिखती है। प्रमुख सड़कों और रिहायशी क्षेत्र की सड़कों के किनारे फुटपाथ अवश्य होने चाहिए। इससे न सिर्फ जनसुविधा बढ़ेगी बल्कि शहर भी निखरेगा। कई फ्लाईओवर की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।

इसके साथ ही न्यू मार्केट क्रासिंग, पटेल चौक, कांटाटोली चौक, बूटी मोड़, अरगोड़ा चौक, सुजाता चौक, राजेंद्र चौक, बिरसा चौक, पिस्कामोड़ चौक आदि जगहों पर फ्लाईओवर बनने चाहिए। रातू रोड पर एलिवेटेड रोड बनाने की चर्चा चल रही है, मेरी समझ से यह उपयुक्त नहीं होगा। इससे और परेशानी बढ़ सकती है।

यहां यह भी ध्यान देना होगा कि विकास कार्य शुरू करने से पूर्व हम भू अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर लें। भू अधिग्रहण पहले हो जाने से विरोध का डर कम रहेगा। इसके साथ ही निर्माण क्षेत्र में बड़े प्लेयर मैदान में आएंगे।

शहर के लिए ट्रैफिक भी बड़ी समस्या बनी हुई है। फ्लाईओवर निर्माण से बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही कुछ अन्य उपाय भी करने चाहिए मसलन, बहुबाजार को वन वे लूप ट्रैफिक बनाना चाहिए। क्षेत्र स्तर पर बाजार को अलग-अलग दिन बंद करना चाहिए, इससे दस से पंद्रह फीसद ट्रैफिक दबाव कम होने की उम्मीद कर सकते हैं। 2016 में शहर का बना मास्टर प्लान बेहतर है। इसे हर हाल में लागू करना चाहिए। बेशक, इसके लिए थोड़ी सख्ती भी बरतनी पड़े तो परहेज नहीं करना चाहिए।

इसी तरह शहर की सफाई के लिए भी गंभीर कदम उठाना होगा। जलापूर्ति और विद्युतापूर्ति के लिए उच्च स्तरीय फैसले लेने होंगे। किसी भी शहर के लिए इन दोनों की पर्याप्त सुविधा होना अनिवार्य है। फिलहाल इन दोनों ही मामलों में शहर पिछड़ा प्रतीत हो रहा है। लोड शेडिंग बड़ी समस्या बनी हुई है।

इस गर्मी के सीजन में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ा है। यदि हैदराबाद के बंजारा हिल पर वहां की सरकार टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति करा सकती है तो यहां क्यों नहीं हो सकता? हमारी योजनाओं में कहीं न कहीं कमी रह जाती है। हम खूबसूरती के नाम पर तालाब को बांध रहे हैं। उसके चारो ओर कंक्रीट भर रहे हैं। इससे तालाब तक वर्षा जल पहुंचने का मार्ग अवरुद्ध हो चुका है।

रिंग रोड बनने से हटिया डैम तक पानी पहुंचने का मार्ग बाधित हो गया है। योजना बनाते समय और उसे लाग करते समय हमें इस ओर ध्यान देना चाहिए, वरना समृद्धि आनेवाली पीढ़ी के लिए मुसीबत का सबब बन जाएगी। 

- सिविल इंजीनियर कुमुद झा से बातचीत पर आधारित


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