Move to Jagran APP

रांची: सरकार जितना खर्च कर रही उतनी संतुष्टि भी मिले आम लोगों को

आज बीमारियां बढ़ रही हैं, लेकिन आम आदमी के पास इसकी कोई जानकारी नहीं कि उसका बेहतर इलाज कहां हो सकता है? कौन डॉक्टर इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं? निजी और सरकारी अस्पतालों में क्या-क्या सुविधाएं हैं? जहां इलाज संभव हो सके।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 06:00 AM (IST)
रांची: सरकार जितना खर्च कर रही उतनी संतुष्टि भी मिले आम लोगों को

अश्विनी राजगढ़िया

loksabha election banner

स्वास्थ्य का क्षेत्र व्यापक है और हर घर को इसकी जरूरत होती है। सरकार इस दिशा में काफी काम भी करती है और निजी अस्पतालों की अपेक्षा वह खर्च भी अधिक करती है, लेकिन फिर भी वह सभी लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाती? कहीं कोई कमी रह जाती है। इसे दुरुस्त करने की जरूरत है।

आज बीमारियां बढ़ रही हैं, लेकिन आम आदमी के पास इसकी कोई जानकारी नहीं कि उसका बेहतर इलाज कहां हो सकता है? कौन डॉक्टर इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं? निजी और सरकारी अस्पतालों में क्या-क्या सुविधाएं हैं? जहां इलाज संभव हो सके।

इसका एक आसान तरीका है कि सरकार अपना सूचना तंत्र मजबूत करे। सरकारी अस्पतालों में मरीज को एक काउंटर पर सब जानकारी मिल जाए। कहां इलाज होगा, कौन डॉक्टर होंगे और यदि कहीं कोताही होती है तो वहीं पर शिकायत दर्ज कराने की भी सुविधा हो और इस पर तत्काल कार्रवाई हो। इससे मरीजों को बहुत फायदा होगा।

इस तरह के सूचना सेंटर शहर के कई हिस्सों में होने चाहिए। संभव हो तो पुलिस चौकी या थाने में भी इसका एक काउंटर लग सकता है, जिससे लोग अपनी सुविधानुसार जानकारी प्राप्त कर सकें। श्मशान घाट पर भी सूचना तंत्र होना चाहिए। बीमारियों के इलाज की हर जानकारी मरीज को मिल सके। जानकारी से बहुत बदलाव हो सकता है।

शहर में हो आर्गन बैंक
सरकारी अस्पताल में मशीनें भी उच्च कोटि की होती हैं, लेकिन लचर व्यवस्था के कारण वैसा रिजल्ट नहीं मिल जाता, जितना निजी अस्पतालों में। निजी अस्पताल कम खर्च कर बेहतर सुविधा देकर मरीजों से अच्छा-खासा पैसा वसूलते हैं। यह काम सरकार अपनी व्यवस्था को ठीक कर बेहतर कर सकती है। शहर के किसी अस्पताल में एक आर्गन बैंक होना चाहिए। इसके साथ ही डेड बॉडी के लिए बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।

सरकार चलाए बाइक एंबुलेंस
सरकार को बाइक एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए। शहर में भी और हाइवे में भी। हाइवे पर दुर्घटना में बाइक एंबुलेंस तत्काल मदद कर सकता है। ज्यादा चोट हो तो एंबुलेंस बुलाया जा सकता है, लेकिन इससे तात्कालिक लाभ मरीज को हो सकता है। शहर के अंदर भी यह व्यवस्था हो।

पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को भी फर्स्ट एड की जानकारी देनी चाहिए। पुलिस चौकी या ट्रैफिक चेकपोस्ट पर भी इस तरह की सुविधा होनी चाहिए। दवाओं की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। स्वास्थ्य सुविधा हो बेहतर रांची से लोग दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर अपना इलाज कराने जाते हैं।

रांची अब राजधानी बन गई है। यहां स्वास्थ्य सुविधा होनी चाहिए। बाहर लोगों को परेशानी भी होती है। खर्च भी अधिक होता है। शहर में ही किडनी, कैंसर, दिल की बीमारी आदि के बेहतर इलाज की सुविधा होनी चाहिए। इससे लोगों का पैसा और समय भी बचेगा। सरकार का यह दायित्व भी है कि वह लोगों के लिए बेहतर इलाज को संभव बनाए।

(दवा व्यवसायी अश्विनी राजगढ़िया ने छह एंबुलेंस रिम्स अस्पताल में दान की हैं, ये एंबुलेंस झारखंड में कहीं भी जाने को तत्पर रहती है। खास बात ये है कि इन एंबुलेंस की सेवाओं के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.