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संसाधनों के सदुपयोग और त्वरित एक्शन से मिलेगी सुरक्षा

पुलिस ने आम लोगों की सुविधाओं के लिए और इमरजेंसी रिस्पांड सिस्टम के तहत ऑनलाइन एफआइआर सिस्टम शुरू किया है।

By Krishan KumarEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 06:00 AM (IST)
संसाधनों के सदुपयोग और त्वरित एक्शन से मिलेगी सुरक्षा

राजधानी रांची की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस को संसाधनों का सदुपयोग करना होगा। वहीं बेहतर पुलिसिंग और प्रभाव के लिए हर सूचना व छोटी-छोटी समस्याओं पर त्वरित एक्शन लेना होगा। चूंकि इन दिनों समाज के लोगों के मन में पुलिस से अपेक्षाएं बढ़ी है। समस्याओं का समाधान के लिए पुलिस से ही संपर्क करती है। हालांकि पुलिस ने आम लोगों की सुविधाओं के लिए और इमरजेंसी रिस्पांड सिस्टम के तहत ऑनलाइन एफआइआर सिस्टम शुरू किया है। वहीं डायल-100, शक्ति एप्प भी चल रही है। लोग इन इमरजेंसी नंबरों पर भी डायल कर रहे हैं। सड़कों पर आपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए पीसीआर वैन और हाइवे पेट्रोल वाहन लगे हैं। पुलिस की गश्ती और मोबाइल पुलिस भी सक्रिय है। इन संसाधनों का समूचित उपयोग हो, तो निश्चित तौर पर अपराध में कमी आएगी। बेहतर पुलिसिंग भी की जा सकेगी।

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कंट्रोल रूम करे बेहतर समन्वय
पीसीआर, हाईवे पेट्रोल, टाइगर मोबाइल सहित अन्य पुलिस की टुकडिय़ों के लिए कंट्रोल रूम से बेहतर समन्वय बेहतर परिणाम दे सकताहै। रांची में 30 पीसीआर वैन की प्रतिनियुक्ति शहरी क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्रों में की गई है। सभी पीसीआर को संबंधित थाना से सम्बद्ध किया गया है तथा प्रत्येक पीसीआर का रिस्पांस टाइम अधिकतम 10-15 मिनट निर्धारित किया गया है। पीसीआर के माध्यम से विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण का कार्य भी किया जा रहा है। इसी तरह रांची जिला में 15 हाइवे पेट्रोलिंग की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में की गयी है। इनका उपयोग बेहतर ढंग से किए जाने से क्राइम कंट्रोल सहायक होगी।

सीसीटीवी कैमरों से हो निगहबानी
शहर को अपराधमुक्त बनाने और क्राइम डिटेक्शन के लिए कैमरे की जद में लाना जरूरी है। कैमरों का फीड कम्पोजिट कंट्रोल रूम में पहुंचने पर कंट्रोल रूम से ही विभिन्न स्थानों पर निगरानी रखी जा सकेगी। शहर के किसी भी कोने में कोई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता हो, तो वह सीसीटीवी कैमेरे के माध्यम से पकड़ा जाएगा। इन कैमरों से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले भी पकड़े जाएंगे। शहर में जल्द ही एएनपीआर कैमरा (ऑटोमैटिक नंबर प्लेटरीडिंग कैमरा) लगाया जाना है। इनकी संख्या 650 की होगी। इसका सदुपयोग आपराधिक घटनाओं में निश्चित तौर पर कमी लाएगा।

दक्ष पदाधिकारियों की हो पोस्टिंग
वरीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शहर में दक्ष पदाधिकारियों की ही पोस्टिंग रांची में करें। वे अनुसंधान की बारीकियों को समझते हों। तकनीकी ज्ञान हो। अपराधियों को पकडऩे में सक्षम हो। ऐसे पदाधिकारियों की टीम से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग हो सकती है। इसके साथ ही जरूरी है कि पदाधिकारी की छवि बेहतर हो। भ्रष्टाचार से मुक्त हो।

साईबर अपराध पर हो फोकस
शहर में लगातार साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। इससे बचाव और सुरक्षा के लिए पुलिस को फोकस करना जरूरी है। साईबर सेल प्रशिक्षित पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति और नियमित तौर पर अपग्रेडेशन जरूरी है। साइबर अपराध की घटनाओं पर त्वरित एक्शन, अपराधियों को नियमित तौर पर गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाने की व्यवस्था हो। यह सुनिश्चित हो कि हर साइबर अपराध के मामलों का डिटेक्शन हो।

क्राइम हॉट स्पॉट की हो पहचान
राजधानी को अपराध मुक्त बनाने के लिए शहर के क्राइम हॉट स्पॉट की पहचान करनी होगी। ताकि वहां पुलिस फोकस करे और आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर सके। संगठित अपराध जैसे रंगदारी, फिरौती के लिए अपहरण, भू-माफिया द्वारा अपराधियों के माध्यम से जबरन जमीन कब्जा करने जैसी घटनाओं पर सीसीए की धारा-3 के तहत जिला बदर/थाना हाजरी की कारवाई की समूचित व्यवस्था हो।

सांप्रदायिक मामलों पर लगे रोक
शहर में सांप्रदायिक घटनाओं पर अंकुश लगाए जाने के लिए पुलिस को व्यवस्था करने की जरूरत है। ताकि आकस्मिक तौर पर सामने आने वाले मामलों को रोका जा सके। सौहार्द बनाये रखने के लिए विभिन्न थाना क्षेत्रों में शांति समिति का गठन कर उनसे वैचारिक आदान-प्रदान व सामाजिक संतुलन बनाए जाने की योजना बने। यह प्रक्रिया निरंतर चलता रहे। वहीं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले शरारती तत्वों पर कार्रवाई और विशेष निगरानी की भी व्यवस्था होना चाहिए।

स्मूथ हो ट्रैफिक सिस्टम
शहर का ट्रैफिक सिस्टम कैसे स्मूथ हो इसके लिए पुलिस को व्यवस्था करने की जरूरत है। सड़कों परसिग्नल लाइट, डिवाइडर, सीसीटीवी कैमरे, जेब्रा क्रॉसिंग व स्टॉप लाइन दुरुस्त किए जाएं। पुलिसकर्मियों की संख्याबढ़ाने परविचार किया जाए। शहर में लगे ट्रैफिक सिग्नलों को दुरुस्त कर नियमित मेंटेनेंस हो।

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