Move to Jagran APP

मैट्रिक का रिजल्ट सुधारा तो पास हो गए 35 हजार फेल बच्चे

मैट्रिक की परीक्षा में एक या दो विषयों में थोड़े अंक से फेल होने पर परीक्षार्थी को ग्रेस अंक देकर पास करने का प्रावधान है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 02 Jun 2017 10:03 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2017 04:54 PM (IST)
मैट्रिक का रिजल्ट सुधारा तो पास हो गए 35 हजार फेल बच्चे
मैट्रिक का रिजल्ट सुधारा तो पास हो गए 35 हजार फेल बच्चे

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा 30 मई को जारी मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में कई गड़बडि़यां सामने आई हैं। इस परीक्षा में एक तो छात्रों को ग्रेस अंक नहीं दिया गया वहीं भाषा संबंधित प्रावधानों का भी अनुपालन नहीं हुआ। रिजल्ट के प्रकाशन में नियमों की अनदेखी की गई।

loksabha election banner

मामला सामने आने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश पर गुरुवार को देर रात इसका संशोधित परिणाम जारी किया गया। जैक की लापरवाही से पूर्व के रिजल्ट में लगभग 35 हजार बच्चे फेल हो गए थे। संशोधित रिजल्ट में ये पास हो गए हैं। जैक के अध्यक्ष डा. अरविंद प्रसाद सिंह के अनुसार संशोधित परिणाम वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इंटरमीडिएट साइंस व कॉमर्स का परिणाम यथावत है।

दरअसल, मैट्रिक की परीक्षा में एक या दो विषयों में थोड़े अंक से फेल होने पर परीक्षार्थी को ग्रेस अंक देकर पास करने का प्रावधान है। एक विषय में कम अंक आने पर पांच अंक तथा दो विषयों में कम अंक आने पर तीन-तीन अंक देने का प्रावधान है। परीक्षा में इसका अनुपालन नहीं किया गया। यह भी प्रावधान है कि कोई परीक्षार्थी यदि दो भाषा के विषयों में एक में पास और दूसरे में फेल हैं, लेकिन अतिरिक्त विषय(भाषा या वोकेशनल विषय) में पास है तो उसे फेल नहीं किया जाएगा। उसके अतिरिक्त विषय का अंक जुटेगा। इस प्रावधान का भी अनुपालन नहीं किया गया।

इसकी जानकारी मिलने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने इसे गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को जैक के सचिव से जवाब-तलब किया है। उन्होंने जैक अध्यक्ष से भी फोन पर बात कर नियम का हवाला देते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया। जैक अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि उक्त दोनों प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया। संशोधित परिणाम जारी किए जाने की संभावना की खबर को 'दैनिक जागरण' ने गुरुवार के अंक में प्रकाशित किया था।

ऐसे समझिए प्रावधानों को

-यदि किसी परीक्षार्थी को गणित (कोई भी एक विषय) में 28 अंक ही मिला, लेकिन वह अन्य विषयों में पास है तो उसे पांच अंक देकर उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा।

-यदि किसी परीक्षार्थी को दो विषयों में तीन-तीन अंक ग्रेस अंक देने से वह दोनों विषयों में पास हो जाता है तथा वह अन्य विषयों में पास है तो उसे भी उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा।

-यदि कोई परीक्षार्थी हिन्दी या अंग्रेजी किसी एक विषय में फेल है और अतिरिक्त विषय (संस्कृत या वोकेशनल) में पास है और अधिक अंक मिले हैं तो उसे उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा।

-किसी परीक्षार्थी को दोनों लाभ एक साथ नहीं मिलेगा। यदि किसी अभ्यर्थी को भाषा का लाभ मिलता है तो उसे ग्रेस अंक का लाभ नहीं मिलेगा।

पहले थे फेल, अब पास

उक्त प्रावधानों के लागू नहीं किए जाने से हजारों छात्र-छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गए थे। संशोधित रिजल्ट में ये सभी पास हो गए। बताया जाता है कि संशोधित रिजल्ट जारी होने से लगभग सात फीसद से अधिक बच्चे पास हुए हैं।

परिणाम में रह गई थीं त्रुटियां 

मैट्रिक के परिणाम में कुछ त्रुटियां रह गई थीं। छात्रहित में संशोधित रिजल्ट जारी किया गया है। इंटर साइंस व कॉमर्स के परिणाम में त्रुटि नहीं है। उसमें संशोधन नहीं किया गया है।

-डा. अरविंद प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, झारखंड एकेडमिक काउंसिल।

यह भी पढ़ेंः मैट्रिक का 13 वर्षों में सबसे खराब रिजल्ट,1.95 लाख फेल

यह भी पढ़ेंः रोजाना पांच घंटे मेहनत, बन गया टॉपर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.