वर-वधू की आयु सत्यापन किए बिना नहीं होगा विवाह, अन्यथा पंडित-मौलवी होंगे जिम्मेदार
Jharkhand News. इधर सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उपेंद्रनाथ दूबे ने कहा है कि जिले में बाल विवाह के मामले बढ़ना चिंता का विषय है।
गढ़वा, जासं। गढ़वा जिले में कोरोना संक्रमण के दौर में बाल विवाह में तेजी आने पर जिला बाल कल्याण समिति ने चिंता जतायी है। इस संबंध में उपायुक्त हर्ष मंगला को सीडब्ल्यूसी द्वारा विगत 8 जून को पत्र भेजकर बाल विवाह के मामले में पंडित, पादरी, मौलवी तथा दोनों पक्ष के अभिभावकों की जवाबदेही को लेकर प्रचार प्रसार कराने की जरूरत बतायी गई है। इधर, सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उपेंद्रनाथ दूबे ने कहा है कि जिले में बाल विवाह के मामले बढ़ना चिंता का विषय है।
लॉकडाउन अवधि में कई नाबालिगों के विवाह होने की सूचना पर सीडब्ल्यूसी ने विधिसम्मत कार्रवाई शुरू की है। गढ़वा जिला बाल विवाह के मामले में राज्य में दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि विवाह कराने के पूर्व पंडित, पादरी व मौलवी के लिए वर-वधू दोनों के उम्र का सत्यापन करना अनिवार्य कर दिया गया है। बाल विवाह के लिए पंडित, पादरी, मौलवी तथा दाेनों पक्ष के अभिभावकों को जिम्मेदार माना जाएगा।