माओवादी कमांडर देवेंद्र चाम्याल कोर्ट में पेश
माओवादी चम्याल ने 2009 से 2014 तक झारखंड व बिहार के नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष प्रशिक्षण लेने की जानकारी दी थी।
रांची, जेएनएन। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को नक्सलियों से खतरा बताने वाले माओवादी कमांडर
देवेंद्र चाम्याल व उसकी महिला मित्र भगवती भोज को शुक्रवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। उत्तराखंड के नैनीसार में भड़काने वाले पोस्टर लगाने व स्कूल की दीवारों पर नारे लिखने के मामले में दोनों नैनीताल जेल में बंद थे। दोनों को शुक्रवार को नैनीताल के न्यायिक मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र साह की अदालत में पेश किया गया। दस हजार रुपये के इनामी माओवादी चम्याल ने 2009 से 2014 तक झारखंड व बिहार के नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष प्रशिक्षण लेने की जानकारी दी थी।
उसने यह भी बताया है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास नक्सलियों के निशाने पर हैं। चम्याल तब सुर्खियों में आया था जब 2004 में ऊधमसिंह नगर जिले के हंसपुरखत्ता व सौफुटिया के जंगल में संचालित माओवादी शिविरों में उसने थिंक टैंक प्रशांत सांगलेकर उर्फ प्रशांत राही के नेतृत्व में हिस्सा लिया था। उसके
खिलाफ नानकमत्ता (ऊधमसिंहनगर) थाने में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलाने, आपराधिक षड़यंत्र रचने, प्रतिबंधित साहित्य रखने व बांटने आदि गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
डॉ. जगन्नाथ मिश्र को राहत
हाई कोर्ट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र बड़ी राहत मिली है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने डॉ. मिश्र के खराब स्वास्थ्य को आधार बताते हुए उन्हें नियमित जमानत प्रदान की। जगन्नाथ
मिश्र को कैंसर व अन्य बीमारियां हैं। दिल्ली में उनका इलाज चल रहा है। इससे पहले अदालत ने उन्हें इलाज के लिए औपबंधिक जमानत दी थी। चारा घोटाला मामले में चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी पाते हुए सीबीआइ कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई है। मिश्र की ओर कहा गया कि
इलाज में लंबा समय लगेगा।
जगदीश शर्मा का इलाज एम्स में
चारा घोटाले के सजायाफ्ता जगदीश शर्मा को एम्स में इलाज कराने की अनुमति मिल गई है। रिम्स की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद हाई कोर्ट ने उन्हें पुलिस की सुरक्षा के बीच एम्स में इलाज कराने की अनुमति
दी। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने चार सप्ताह में इनकी मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने
का निर्देश दिया। जगदीश शर्मा ने हाई कोर्ट से औपबंधिक जमानत देने के लिए याचिका दाखिल की थी। हाथ टूटने से उनकी अंगुलियां टेढ़ी हो गई हैं।
बीएसआइडीसी करे 8.90 करोड़ का भुगतान
हाई कोर्ट ने बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम को अपने कर्मचारियों को 8.90 करोड़ भुगतान करने का निर्देश दिया है। यूनियनों को कर्मचारियों की पहचान करने का निर्देश भी अदालत ने दिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रत्नाकर भेंगरा और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की अदालत ने यह निर्देश दिया। अदालत ने बीएसआइडीसी को सेल के प्रस्ताव पर भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है
हज कमेटी : सरकार से मांगा जवाब
हज कमेटी में सदस्यों के मनोनयन में नियमों का पालन नहीं करने पर हाई कोर्ट ने सरकार को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। शमीम अली की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने उक्त निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने हज अधिनियम 2002 के खिलाफ कमेटी के 16 सदस्यों का मनोनयन किया है। जन प्रतिनिधि कोटे में एक भी पार्षद नहीं है।