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मिड डे मील में स्कूल स्तर पर कई गड़बड़ियां, नपेंगे कई शिक्षक

पारा शिक्षकों की हड़ताल से बंद रहा मिड डे मील मानदेय कटेगा रसोइया कापहली बार योजना की ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 11:13 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 11:13 PM (IST)
मिड डे मील में स्कूल स्तर पर कई गड़बड़ियां, नपेंगे कई शिक्षक
मिड डे मील में स्कूल स्तर पर कई गड़बड़ियां, नपेंगे कई शिक्षक

पारा शिक्षकों की हड़ताल से बंद रहा मिड डे मील, मानदेय कटेगा रसोइया का,पहली बार योजना की हुई सोशल ऑडिट, सामने आई कई अनियमितता

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राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य में संचालित मिड डे मील योजना की पहली बार हुई सोशल ऑडिट में स्कूल स्तर पर कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। इन सभी गड़बड़ियों पर प्रभारी शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछकर उनके विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया गया है। कई मामले में शिक्षकों से भी राशि वसूलने का निर्देश दिया गया है।

करीब छह फीसद स्कूलों में कैश बुक और पास बुक नहीं

हाल ही में राज्य स्तर पर हुई सुनवाई में यह बात सामने आई कि लगभग छह फीसद स्कूलों में कैश बुक और पास बुक नहीं है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने इसे गंभीर व राशि गबन का मामला बताते हुए प्रभारी शिक्षकों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। यह भी बात सामने आई कि सोशल ऑडिट में 23 फीसद व्यय वास्तविक तथा दिखाए गए प्रतिवेदित हैं। इसपर फर्जी डाटा भरनेवालों तथा गबन करनेवालों पर राशि की वसूली 12 फीसद ब्याज की दर से करने का निर्देश दिया।

उपस्थिति तो बनी, लेकिन बच्चे नदारद

सोशल ऑडिट के दिन कई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति तो बनी थी, लेकिन बच्चे नदारद थे। उदाहरण के रूप में उत्क्रमित मध्य विद्यालय मरकच्चो, कोडरमा में ऑडिट के दिन तेरह बच्चे उपस्थित नहीं थे, लेकिन उनकी हाजिरी बनी हुई थी। ऐसे कई स्कूल हैं। दूसरी तरफ, पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण दो माह स्कूलों में मिड डे मील बंद रहने की भरपाई रसोइए के मानदेय काटकर होगी।

नवंबर 2018 से जनवरी 2019 तक पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण कई स्कूलों में मिड डे मील बंद था। इस पर बच्चों को प्रतिपूर्ति भत्ता देने तथा दो माह का रसोइया के मानदेय का भुगतान नहीं करने का निर्देश दिया गया है। बोकारो के गोमिया स्थित नव प्राथमिक विद्यालय टडियापार, नव प्राथमिक विद्यालय दूधढारी सहित कई स्कूल ऐसे हैं।

सात जिलों के डीएसई ने नहीं दिखाई रुचि, होगी कार्रवाई :

राज्य स्तरीय सुनवाई में यह बात सामने आई कि जमशेदपुर, दुमका, देवघर, जामताड़ा, गुमला, चतरा तथा कोडरमा के जिला शिक्षा अधीक्षकों ने जिला स्तरीय मामलों के निष्पादन में रुचि नहीं दिखाई। इस पर इन जिला शिक्षा अधीक्षकों से स्पष्टीकरण पूछकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। लोहरदगा, सरायकेला तथा सिमडेगा के जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा सभी मामलों के निष्पादन करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

गड़बड़ियों की कुछ बानगी :

- उत्क्रमित मध्य विद्यालय रोचाप, पतरातू में कागज पर 583 किग्रा चावल उपलब्ध दिखाया गया, जबकि भंडार में चावल ही नहीं था। इसपर जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच करने तथा संबंधित प्रधानाध्यापक व बीईईओ के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया गया।

- उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजाबार, सतगांवा-कोडरमा में तीन लाख रुपये से अधिक का हिसाब नहीं दिया गया। इस मामले में सत्यापन कर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया।

- आदर्श मध्य विद्यालय मरकच्चो, कोडरमा में सितंबर से नवंबर 2018 तक मिड डे मील राशि के अभाव में बंद था। इसपर राशि की अवैध निकासी की शंका प्रकार करते हुए प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों के स्थानांतरण करने तथा बीईईओ के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।

- पूर्वी सिंहभूम के प्राथमिक विद्यालय कुरूम में छात्रों की उपस्थिति 538 पाई गई, जबकि पंजी में 637 दिखा गया था। इसपर वर्ग शिक्षक से प्रति छात्र दस रुपये की दर से एक माह की राशि वसूलने का निर्देश दिया गया।


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