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मानसून सत्र की तैयारी पर हुई बैठक से नदारद रहे प्रमुख नेता Ranchi News

Jharkhand. सोमवार से आरंभ हो रहे झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी को लेकर शुक्रवार को बुलाई गई विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की बैठक फीकी रही।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 08:12 PM (IST)
मानसून सत्र की तैयारी पर हुई बैठक से नदारद रहे प्रमुख नेता Ranchi News
मानसून सत्र की तैयारी पर हुई बैठक से नदारद रहे प्रमुख नेता Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। सोमवार से आरंभ हो रहे झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी को लेकर शुक्रवार को बुलाई गई विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की बैठक फीकी रही। बैठक में तमाम पार्टी विधायक दल के नेताओं को शिरकत करना था। लेकिन स्पीकर के अलावा सिर्फ नेता प्रतिपक्ष सह झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन और राज्य के संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने शिरकत की। अन्य नेता बैठक से नदारद रहे। हालांकि, बैठक में कम उपस्थिति पर बोलने से विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने परहेज किया।

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बैठक में स्पीकर ने आग्र्रह किया कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और सभी विधायकों को अपनी बातें रखने का मौका मिले। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से 26 जुलाई तक आहूत किया गया है। इस दौरान अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा और तमाम विधायी कार्य निपटाए जाएंगे। शुक्रवार को स्पीकर कक्ष में अधिकारियों संग भी विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक की। इस दौरान सुरक्षा की तैयारियों पर खास फोकस रहा। अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चुस्त होनी चाहिए।

पहले दिन अनुपूरक बजट पर हेमंत ने जताई आपत्ति

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में पहले दिन ही अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इसे परंपराओं से इतर बताते हुए सरकार की आलोचना की है। विधानसभा स्थित अपने कक्ष में मीडिया से रूबरू हेमंत सोरेन के तेवर तल्ख थे। उन्होंने कहा कि पहला दिन परंपरा के मुताबिक औपचारिकता, शोक प्रकाश आदि के लिए होता है। ऐसी क्या आपात स्थिति आ गई कि सरकार आनन-फानन में अनुपूरक बजट पेश करना और दूसरे दिन सारी प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र होगा। सरकार को बताना चाहिए कि पहले दिन अनुपूरक बजट पेश करने का क्या उद्देश्य है। सदन चलाने के मसले पर उन्होंने कहा कि सरकार को विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा। सरकार कबूले कि चारों तरफ जुल्म हो रहा है, तभी सदन चलेगा। विपक्ष सदन चलने देने के पक्ष में है। लेकिन, सरकार की कार्यप्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है कि सदन को बाधित करने की उसकी मंशा है। तैयारी को लेकर बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री को शामिल होना चाहिए था।


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