Move to Jagran APP

भीमा कोरेगांव हिंसा: रांची में फादर स्टेन के घर महाराष्ट्र पुलिस का छापा, कई दस्तावेज जब्त

Bhima Koregaon violence. महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक बार फिर स्टेन स्वामी के घर महाराष्ट्र पुलिस व एटीएस की टीम नामकुम पुलिस के सहयोग से छापेमारी करने पहुंची है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 10:20 AM (IST)
भीमा कोरेगांव हिंसा: रांची में फादर स्टेन के घर महाराष्ट्र पुलिस का छापा, कई दस्तावेज जब्त
भीमा कोरेगांव हिंसा: रांची में फादर स्टेन के घर महाराष्ट्र पुलिस का छापा, कई दस्तावेज जब्त

नामकुम (रांची), जासं। Ranchi - नामकुम के बगईचा टोली में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर पर बुधवार सुबह महाराष्ट्र पुलिस ने छापेमारी की। महाराष्ट्र के बहुचर्चित भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon violence) मामले में स्टेन स्वामी महाराष्ट्र पुलिस के रडार पर हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस की टीम ने स्टेन स्वामी के फेसबुक व मेल को ब्लॉक कर दिया है। साथ ही एक सूटकेस व एक बैग को भी जब्त किया गया है।
कुछ महीने पहले भी इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने उनके आवास पर छापेमारी की थी। तब भी फादर स्टेन स्वामी से पूछताछ की गई थी और कई दस्तावेज जब्त किए गए थे। छापेमारी टीम में महाराष्ट्र पुलिस, झारखंड एटीएस व स्थानीय पुलिस की टीम शामिल थी। मौके पर काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था, ताकि कोई भी स्टेन स्वामी के घर में न जा पाए और जांच को प्रभावित न कर पाए।

prime article banner


चार घंटे चला सर्च ऑपरेशन
महाराष्ट्र पुलिस के एसीपी शिवाजी पवार के नेतृत्व में आठ लोगों की टीम मंगलवार को ही रांची पहुंच गई थी। बुधवार की सुबह नामकुम थानेदार प्रवीण कुमार के सहयोग से पूरी टीम स्टेन स्वामी के घर पहुंची थी। लगभग चार घंटे के सर्च ऑपरेशन व पूछताछ के बाद पुलिस की टीम सुबह 11 बजे वहां से निकली और चली गई। पुलिस ने स्टेन स्वामी के आवास से कई कागजात और उनके कंप्यूटर का हार्ड डिस्क जब्त किया। जब्त सामान को एक सूटकेस व एक हैंड बैग में लेकर पुलिस की टीम चली गई है।
महासभा ने की निंदा
फादर स्टेन स्वामी के घर छापेमारी को झारखंड जनाधिकार महासभा ने निंदा की है। यह भी कहा है कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी गलत है। महासभा ने कहा है कि फादर स्टेन स्वामी काफी बुजुर्ग हैं तथा झारखंड में कई दशकों से आदिवासी व अन्य वंचित समूहों के लिए सालों से कार्य कर रहे हैं। फादर वन अधिकार अधिनियम, पेसा के समर्थक हैं जिनपर ऐसी कार्रवाई निंदनीय है। महासभा द्वारा छापेमारी को बंद करने व झूठे मुकदमे वापस लेने तथा जेल में कैद कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की है।

एक वर्ष के भीतर दूसरी बार छापेमारी

नामकुम बगइचा टोली स्थित आवास पर सुबह सात बजे से पुलिस तलाशी ले रही है। एक वर्ष के भीतर दूसरी बार महाराष्ट्र पुलिस उनके आवास पर छापेमारी के लिए पहुंची है। बीते 28 अगस्त 2018 को भी फादर स्टेन के आवास पर छापेमारी की गई थी। उस समय लैपटॉप, पेन ड्राइव, सीडी, मोबाइल, कई दस्तावेज सहित अन्य सामान जब्त किए गए थे।

फादर के भाषण के बाद भड़की थी हिंसा

मामला पुणे के भीमा कोरेगांव में वर्ष 2018 की शुरुआत में हुई हिंसा की घटना से जुड़ा है। पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में यलगार परिषद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए बनाए गए कानून के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। यह यलगार परिषद 31 दिसंबर 2017 को आयोजित की गई थी।

दरअसल, पुणे में 1 जनवरी 2018 को कथित रूप से स्टेन स्वामी समेत अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए भाषणों की वजह से अगले दिन बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। भीमा नदी के किनारे स्थित स्मारक के पास पत्थरबाजी हुई थी और आगजनी की गई थी। दो गुटों के बीच झड़प हुई थी  पुलिस ने भीड़ और हालात पर काबू करने के लिए आंसू गैस और लाठी चार्ज का इस्तेमाल किया था।

हिंसा में एक व्यक्ति की हुई थी मौत

पुलिस की जांच में पता चला कि हिंसा में राहुल फतांगले नाम के एक व्यक्ति की मौत हुई थी। 80 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा था। हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की गई थी। पूछताछ के लिए कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। इस हिंसा के बाद तीन जनवरी को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया गया था।

50 वर्षों से झारखंड में हैं फादर स्टेन

फादर स्टेन स्वामी बीते 50 वर्षों से झारखंड में रहकर काम कर रहे हैं। पहले चाईबासा में रहकर आदिवासी संगठनों के लिए काम करते थे। 2004 में रांची आए और तब से नामकुम में रह रहे हैं। वे मूल रूप से केरल के रहने वाले है। हाल के दिनों में झारखंड के विभिन्न जिलों में बंद आदिवासी कैदियों के लिए काम कर रहे हैं। स्टेन के समर्थकों के मुताबिक, स्टेन वैसे आदिवासियों के लिए काम कर रहे हैं जिन्हें नक्सली बताकर जेल में डाला गया है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.