महाराज प्रामाणिक के बाद अब एक और कुख्यात उग्रवादी करेगा सरेंडर, कई जिलों में रहा है सक्रिय
Ranchi News नक्सली विमल यादव मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के करौना थाना क्षेत्र के सलेमपुर का मूल निवासी है। बताया जा रहा है कि महाराज प्रमाणिक सरेंडर करने से पहले चार महीने से पुलिस के साथ नक्सल विरोधी अभियान में शामिल था।
रांची, राज्य ब्यूरो। कुख्यात नक्सली महाराज प्रमाणिक के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस के समक्ष अब एक और बड़े नक्सली स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य विमल यादव का सरेंडर होनेवाला है। विमल यादव उर्फ उमेश यादव उर्फ विमल उर्फ राधेश्याम यादव पर झारखंड सरकार ने 25 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। वह बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में सक्रिय रहा है।
बिहार का रहने वाला है विमल यादव
नक्सली विमल यादव मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के करौना थाना क्षेत्र के सलेमपुर का मूल निवासी है। बताया जा रहा है कि महाराज प्रमाणिक सरेंडर करने से पहले चार महीने से पुलिस के साथ नक्सल विरोधी अभियान में शामिल था। उसी तरह विमल यादव भी पिछले चार महीने से पुलिस के साथ बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में शामिल है। हालांकि, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। जल्द ही उसका विधिवत सरेंडर कराया जा सकता है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विमल के माध्यम से कई अन्य नक्सली भी पुलिस के संपर्क में हैं और वे भी आत्मसमर्पण करेंगे।
अरविंद की मौत और सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद विमल ने संभाली थी बूढ़ा पहाड़ की कमान
बूढ़ा पहाड़ पर एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य अरविंद की बीमारी से मौत और दूसरे एक करोड़ के इनामी सुधाकर उर्फ सुधाकरण के तेलंगाना में आत्मसमर्पण के बाद विमल यादव ने ही बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के नेतृत्व की कमान संभाली थी। इसके बाद नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व ने मिथिलेश मेहता को बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों का नेतृत्व दे दिया था।
प्रेमिका के कहने पर ही विमल आया था पुलिस के संपर्क में
पुलिस सूत्रों की मानें तो विमल यादव भी अपनी प्रेमिका के कहने पर ही पुलिस के संपर्क में आया और मुख्य धारा से जुडऩे का मन बनाया। बूढ़ा पहाड़ पर मिथिलेश मेहता को नक्सलियों का कमान मिलने के बाद विमल पहले से दुखी था ही, उपर से प्रेमिका ने भी उसपर आत्मसमर्पण के लिएा, जिसके बाद वह पुलिस के संपर्क में आया।