Jharkhandः रांची में विश्वशांति महायज्ञ के साथ महामृत्युंजय विधान का हुआ समापन
Jharkhandः राजधानी रांची में 108 विशल्य सागर जी महाराज एवं मुनिश्री 108 श्री विनिशोध सागर जी महाराज का संयम दीक्षा गुरु उपकार दिवस को अगाध श्रद्धा भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया । गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण किया गया।
रांची, जासं। राजधानी रांची में चातुर्मासरत गणाचार्य श्री 108 विरागसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य 108 विशल्य सागर जी महाराज एवं मुनिश्री 108 श्री विनिशोध सागर जी महाराज का संयम दीक्षा गुरु उपकार दिवस को अगाध श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया । गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण तथा दीप प्रज्ज्वलन दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष एवं अतिथियों द्वारा किया गया। मंगल नृत्य बरखा एवं ग्रुप द्वारा किया गया। मुनिद्वय के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य अरुण कुमार, अजय कुमार, अखिल कुमार, गंगवाल एवं तीर्थंकर सेवा समिति भिंड को मिला।
इसके पश्चात शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य महेंद्र कुमार, मनीष कुमार, छाबड़ा, मुलचन्द, धर्मेंद्र कुमार, विजय कुमार गजेंद्र कुमार, छाबड़ा परिवार को मिला । इसके पश्चात मुनि श्री की पूजा अर्चना जैन समाज की संस्थाओं एवं बाहर से आए आगंतुकों द्वारा संगीत की स्वर लहरी के बीच की गई एवं अर्घ्य चढ़ाए गए।
1008 महामृत्युंजय विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ के अंतिम दिन आज प्रातः 5:30 बजे भगवान जिनेंद्रदेव के अभिषेक एवं शांति धारा के साथ मिला कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अनुष्ठान का अंतिम दिन होने के कारण सुबह से ही श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। अभिषेक के पश्चात शांति धारा करने का सौभाग्य अनुष्ठान के पात्रों के अलावा राजेंद्र कुमारजी संजीव कुमार जी सुबोध कुमार राहुलकुमार बड़जात्या, अभय कुमाजी अजय कुमार आषीश कुमार छाबड़ा, आशा अशोक सोगानी, मदनलालजी संजय कुमार बड़जात्या परिवार को मिला। शांतिधारा के पश्चात नित्य नियम पूजन, महामृत्युंजय विधान, गणाचार्य विराग सागर जी महाराज की संगीत बद्व विशेष पूजा अर्चना ग्वालियर से पधारे पंडित शशिकांत जी एवम रांची के पंडित अरविंद जी शास्त्री ने संगीतबद्ध पूजा एवं अन्य धार्मिक क्रियाएं संपन्न कराई।
आज दीक्षा दिवस के अवसर पर विशेष अतिथि के रुप में झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर उपस्थित थे।उनका दिगंबर जैन पंचायत की ओर से लाल दुपट्टा एवं तिलक लगाकर स्वागत किया गया। श्री ठाकुर ने आचार्य श्री के चरणो में श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुनि श्री द्वारा पुस्तक करो शुद्धी मिले सिद्धि (जीवन एक संघर्ष ) नामक पुस्तिका का विमोचन पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने किया।
दिल्ली, कोलकाता, गया, कोडरमा, हजारीबाग, भिंड सहित देश के विभिन्न भागों से पधारे श्रद्धालुओं ने मुनि श्री के चरणों में श्री फल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाहर से पधारे गणमान्यों का समाज की ओर से अभिनंदन कर मोमेंटो प्रदान किया गया। जैनपंचायत की ओर से विनयांजलि प्रस्तुत की गई।
दीक्षा दिवस पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुनि श्री विशल्य सागर जी ने कहा कि आज के दिन जीवन का अनमोल खजाना प्राप्त किया था। इसीलिए आज गुरु उपकार दिवस है। बैरागी रत्नों के पीछे नहीं भागता बल्कि रत्न प्राप्त करने में लग जाता है। मैं रत्नों के बीच कांच का टुकड़ा था। गुरु ने मुझे रत्न बनाया। मेरे गुरु के मुझ पर अनंत उपकार है। उन्होंने मुझे दीक्षा देकर मेरा मानव जीवन सार्थक कर दिया। जीवन में सर्वोच्च पद प्राप्त करना है तो दिगंबर से निर्गंथ से बढ़कर कोई पद नहीं है यही परम पद है ।
मुनि श्री के आशीर्वचन के बाद श्री 1008 महामृत्युंजय महामंडल विधान का विश्व शांति महायज्ञ के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने हवन कुंड में पूर्णाहुति देकर विश्व में फैल रही बीमारियों से मुक्ति मिले इसके लिए मंगल कामना की। सायंकाल मुनि श्री 108 विशल्यसागर जी एवं मुनि श्री 108 विनिशोधसागर जी महाराज की गुरु भक्ति एवं भव्य आरती का आयोजन हुआ। आरती के पश्चात कोडरमा झारखंड से पधारे नवीन पांडया द्वारा भजनों का कार्यक्रम हुआ। तत्पश्चात मुनिश्री के जीवन कथा पर आधारित वीरेंद्र से विशल्यसागर तक लघु नाटिका का मंचन किया गया।