पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने बनाया विदेशी टावर
शहर में इस बार दुर्गापूजा में विद्युत सज्जा को लेकर अलग-अलग स्टाइल का प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसमें पश्चिम बंगाल के कारीगर अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
रांची जासं : शहर में इस बार दुर्गापूजा में विद्युत सज्जा को लेकर अलग-अलग स्टाइल का प्रयोग किए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के चंदननगर से आए प्रसिद्ध एवं कुशल कारीगरों ने इस बार शहर के महत्वपूर्ण पंडालों और सड़कों पर की जाने वाली विद्युत सज्जा में कई नए और आकर्षक प्रयोग किए हैं। इनमे खास ध्यान बच्चों को आकर्षित करने पर दिया गया है। कचहरी स्थित बिहार क्लब के पंडाल में फिल्म पद्मावत के सेट की झलक देखने को मिलेगी। सड़कों पर ऑडियो के साथ चलित वन्य जानवरों की मूर्तिया, भूत, विशाल कलश, विदेशी टावर, कमल से निकलता भौंरा, तितली उड़ाती परी के साथ अत्याधुनिक दो फिशटेल लाइट् और एलईडी स्क्रीन्स का इस्तेमाल किया गया है। रातू रोड स्थित आरआर स्पोर्टिंग क्लब के पंडाल को झारखंडी संस्कृति पर तैयार किया गया है, जिसका दृश्य बहुत ही मनमोहक है। दो किमी सड़क विद्युत सज्जा से पट गई है। मुख्य आकर्षण कर्नाटक विधानसभा का मुख्य गेट, ताडव करते भगवान शिव की चलित प्रतिमा, बच्चों के लिए झूले एवं अन्य मनोरंजन के साथ चार मंदिरों को एक साथ दिखाया गया है। वही बुंडू से आए कारीगरों ने अरगोड़ा स्थित 106 साल पुरानी दुर्गापूजा और रावण दहन समिति के पंडाल और विद्युत सज्जा में बंगाली कला और संस्कृति को दिखाया है। फिलहाल पूजा में शहर का मिजाज बदल जाता है। सड़कें दुल्हन की तरह सज जाती हैं।
शहर के लोगों को इस बार कुछ अलग देखने को मिलेगा। अगले पांच दिनों तक पूजा का अलग रूप ही दिखेगा। जिससे माहौल एकदम अलग मिलेगा।