मनी लांड्रिंग में कोर्ट में उपस्थित हुए झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा
मनी लांड्रिंग में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित अन्य आरोपी इडी के विशेष कोर्ट में उपस्थित हुए।
जागरण संवाददाता, रांची। मनी लांड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके करीबी विनोद सिन्हा, विकास सिन्हा, मनोज बाबूलाल पुनामिया, अरविंद व्यास, विजय जोशी ईडी के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में उपस्थित हुए।
इस मामले में ईडी की ओर से इंकम टैक्स दिल्ली के कमिश्नर डॉ. प्रभा कांत की आंशिक गवाही दर्ज की गई। गवाही ईडी के वरीय विशेष लोक अभियोजक एसआर दास ने दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि समयाभाव के कारण गवाही पूर्ण नहीं हो सकी। अदालत ने अगली गवाही के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की है।
पूर्व मंत्री एनोस एक्का कोर्ट में पेश, गवाही दर्ज
पूर्व मंत्री एनोस एक्कामनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में पेश हुए। इस मामले में कोलकाता के आम्स दुकानदार हेमंत कुमार बनर्जी की गवाही दर्ज की गई। दुकानदार के यहां से एनोस एक्का आर्मस खरीदे थे। 29 हजार का रिवालवर खरीदा था। रिवाल्वर के बिल को गवाह ने अदालत में प्रूफ किया।
जानिए, क्या है मामला
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, मधु कोड़ा पर 1340 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का आरोप है। इसके अलावा विकास सिन्हा पर 45 करोड़, विनोद सिन्हा पर 915 करोड़, मनोज बाबूलाल पुनामिया पर 58.69 करोड़ रुपये, विजय जोशी पर 152 करोड़ रुपये, अरविंद व्यास पर 1020 करोड़ रुपये और अनिल आदिनाथ वस्तावड़े के खिलाफ चार करोड़ 93 लाख 16 हजार 240 रुपये मनी लांड्रिंग का आरोप है।
जानें, कौन हैं मधु कोड़ा
गौरतलब है कि भाजपा से अलग होकर निर्दलीय विधायक के रूप में मधु कोड़ा ने चुनाव लड़ा था। निर्दलीय विधायक चुने जाने के बाद वह कांग्रेस की मदद से झारखंड के पहले निर्दलीय मुख्यमंत्री बने थे। उन पर आरोप है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अकूत संपत्ति कमाई। उनके शासनकाल में झारखंड में कोयला खदानों के आवंटन में गड़बड़ियों के आरोप लगे। नॉर्थ कर्णपुरा कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में कोड़ा को दोषी करार दिया जा चुका है और उन्हें सजा भी हो चुकी है।
कोड़ा के नाम काम कम, 'रिकॉर्ड' ज्यादा
कभी कोड़ा ने कहा था - अच्छा काम किया तो मैं मधु समान हूं और बुरा किया तो कोड़ा। वह कोड़ा का स्वर्णिम काल था जब उनके नाम रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड बन रहे थे। अब भी रिकॉर्ड बन रहे हैं लेकिन बुरे कामों के लिए। झारखंड के सबसे कम उम्र का सीएम आज मुख्यमंत्री के रूप में किए गए गुनाहों के लिए सजा पानेवाला पहला व्यक्ति बन गया है। मामले और भी हैं और यह भी तय है कि रिकॉर्ड भी बनते रहेंगे। दूसरी ओर लगभग 23 महीने के कार्यकाल में कोड़ा के नाम सिर्फ बड़े घोटाले ही हैं। उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे उन्हें शोहरत मिली हो। मुख्यमंत्री से हटने के बाद जब वे जेल गए तो वहां अन्य कैदियों से उनकी हाथापाई हुई जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई और यह भी अपने आप में उनके नाम दर्ज रिकॉर्ड है।
देश में पहली बार अकेला निर्दलीय विधायक बना था सीएम :
कोड़ा जब मुख्यमंत्री बने तो वे निर्दलीय विधायक थे। इसके पूर्व भाजपा की टिकट पर जीतकर बाबूलाल मरांडी सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला था। बाद में 2005 में भाजपा ने उन्हें टिकट देने से इन्कार कर दिया और इसके बावजूद कोड़ा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत गए। विधायक बनने के बाद अर्जुन मुंडा की सरकार बनने में कोड़ा की भूमिका रही और सरकार गिराने में भी। इसके बाद जो हुआ उसका पूरा देश गवाह बना। देश में पहली बार कोई अकेला विधायक चालबाजी से मुख्यमंत्री बनने में सफल रहा।
सबसे कम उम्र का सीएम :
6 जनवरी 1971 को जन्मे मधु कोड़ा ने 18 सितंबर 2006 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 35 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बननेवाले वे झारखंड के पहले विधायक थे। यह भी अपनेआप में एक रिकॉर्ड है। उनसे उम्र में लगभग चार साल छोटे हेमंत सोरेन कोड़ा के सीएम बनने के आठ साल बाद सीएम बने थे।