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CAA Support: लोहरदगा में आज कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील, 22 गिरफ्तार-17 को भेजा जेल

CAA Support बुधवार को कर्फ्यू में यह ढील दो अलग-अलग पालियों में क्रमश पूर्वाह्न 10.00 से 12.00 बजे और अपराह्न 02.00 से 04.00 बजे तक दी जाएगी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 06:51 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 09:56 PM (IST)
CAA Support: लोहरदगा में आज कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील, 22 गिरफ्तार-17 को भेजा जेल
CAA Support: लोहरदगा में आज कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील, 22 गिरफ्तार-17 को भेजा जेल

लोहरदगा, जासं। CAA Support हिंसाग्रस्‍त लोहरदगा जिले में हिंसक घटनाओं के बाद 23 जनवरी को लगाए गए कर्फ्यू में बुधवार को चार घंटे की ढील दी गई है। मंगलवार की देर रात पुलिस-प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों ने तमाम सुरक्षात्मक पहलुओं की गहन समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया। यह छूट दो अलग-अलग पालियों में क्रमश:  पूर्वाह्न 10.00 से 12.00 बजे और अपराह्न 02.00 से 04.00 बजे तक दी जाएगी। इससे पहले 26 जनवरी को लोहरदगा शहरी क्षेत्र के साथ सदर व सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के लिए महज आधे घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी। जबकि शेष प्रखंडों के लिए कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील थी। इससे इतर मंगलवार को कर्फ्यू में किसी तरह की कोई ढील नहीं दी गई थी।

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अब तक 22 लोगों को उपद्रव मामले में किया गिरफ्तार

रह-रहकर कर्फ्यू में ढील दिए के बावजूद पुलिस काफी सख्त है। आंखों के इशारों से लेकर सोशल मीडिया के पोस्ट तक पर पुलिस प्रशासन की नजर है। किसी को भी लोहरदगा की शांति में खलल डालने की इजाजत नहीं है।  लोहरदगा में अब तक 22 लोगों को उपद्रव मामले में गिरफ्तार किया गया है। इनमें 17 को जेल भेजा जा चुका है। मंगलवार को भी पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद सभी पांचों को बुधवार को जेल भेज दिया जाएगा।

बताते चलें कि अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। कुछ लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, जबकि पूछताछ के बाद कुछ लोगों के जबाब से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई तो उनसे अब भी पूछताछ की जा रही है। जरूरी सेवाओं के लिए पुलिस खुद आगे आ रही है, जबकि गैर जरूरी काम की अनुमति किसी भी कीमत पर नहीं है। किसी को दवा की जरूरत है तो पुलिस की कोई रोक-टोक नहीं। आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था के लिए भी पुलिस खुद गाड़ी मुहैया करा रही है, परंतु नियमों को तोडऩे की कोई भी इजाजत नहीं दी जा रही।

जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग 24 घंटे अलर्ट है। सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी को लेकर ड्रोन कैमरे की सहायता ली जा रही है। नाइट विजन ड्रोन कैमरे से रात के अंधेरे में भी नजर रखी जा रही है। दिन के उजाले में पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी लगातार शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में घूमते हुए पूरी वस्तु स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। शहर के अपर बाजार, रघुनंदन लेन, गुदरी बाजार, हटिया मोहल्ला, तेतर चौक, शास्त्री चौक आदि इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।

घायल नीरज के दम तोड़ऩे पर रिम्स में हंगामा

लोहरदगा बवाल में घायल नीरज राम प्रजापति की मौत के बाद मंगलवार को उसके शव का पोस्टमार्टम किया गया। सोमवार रात ही शव को रिम्स के शीत गृह में रखा गया था। शव को मोर्चरी में ले जाने से पहले ही हिंदू संगठन, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, परिजन व लोहरदगा कांड के बाद बौखलाए लोग पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर जमा होने लगे। परिजन व सामाजिक संगठनों के लोग मेडिकल बोर्ड के गठन के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की मांग कर रहे थे। करीब एक घंटे की प्रक्रिया के बाद मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। वहीं किसी तरह का बवाल न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर रखा था। इसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम किया गया।

इधर, पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जमा लोगों ने घंटों नारेबाजी की। नीरज प्रजापति की पत्नी दिव्या देवी ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका पति जुलूस में शामिल हुआ था। जब वहां से लौटा तो माथे पर खून लगा था। घर में बताया कि जुलूस में चोट लगी है। बाद में वह बेहोश हो गया था। इसके बावजूद प्रशासन मामले को दबाने में लगा रहा। नीरज की बहन उषा देवी ने भी यही आरोप लगाया। उसके साले संतोष प्रजापति का कहना था कि प्रशासन ने सहयोग नहीं किया। पोस्टमार्टम के दौरान आक्रोशित भीड़ ने जमकर प्रदर्शन किया। 

बेटे की मौत से पिता सदमे में, रिम्स रेफर

लोहरदगा बवाल में घायल नीरज राम प्रजापति की मौत की सूचना मिलते ही उसके 70 वर्षीय पिता रूपो प्रजापति सदमे में आ गए हैं। ब्लड प्रेशर बढऩे के कारण घर में ही बेहोश हो गए। प्रशासन व पड़ोसियों के सहयोग से आनन-फानन में उन्हें लोहरदगा के सदर अस्पताल ले जाया गया। स्थिति गंभीर देखते हुए मरीज को रिम्स रेफर कर दिया गया है। रिम्स पहुंचने के बाद इमरजेंसी में डॉ उमेश प्रसाद की देखरेख में उनका इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर ने बताया कि अचानक बेटे की मौत की खबर के बाद इनकी तबीयत बिगड़ गई थी। ब्लड प्रेशर में तुरंत-तुरंत उतार-चढ़ाव हो रहा था। रिम्स पहुंचने के बाद भी इनका ब्लड प्रेशर काफी हाई था। स्लाइन चढ़ाने के बाद स्थिति पहले से बेहतर है। 

शव पहुंचते ही माहौल हुआ गमगीन

मंगलवार की देर शाम नीरज का  शव उसके घर लाया गया। शव पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया। परिजनों के रुदन से हर किसी का कलेजा फट रहा था। इस दौरान स्थानीय लोग परिवार के सदस्यों को ढाढस बंधा रहे थे। परिवार की हालत को लेकर हर कोई चिंतित भी नजर आ रहा था। इधर, सुरक्षा कारणों से नीरज के शव के घर पहुंचने से पहले ही पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो चुका था। पुलिस प्रशासन हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखे हुई था।

देर शाम शहर के सीमावर्ती सेरेंगहातु श्मशान घाट में नीरज के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी की गई। नीरज को उनके बड़े भाई रमेश प्रजापति ने मुखाग्नि दी। इस घटना से बेखबर नीरज का पुत्र लक्ष्य और पुत्री जिया घर के बाहर भीड़ देखकर हैरान नजर आए। उन्हें तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह क्या हो रहा है। इतने लोग उनके घर में क्यों आएं हैं।


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