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लॉकडाउन ने बढ़ाई सिंगल यूज प्लास्टिक कैरीबैग की रफ्तार

लॉकडाउन के तीन माह में सिंगल यूज प्लास्टिक का दौर फिर से शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 02:01 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:17 AM (IST)
लॉकडाउन ने बढ़ाई सिंगल यूज प्लास्टिक कैरीबैग की रफ्तार
लॉकडाउन ने बढ़ाई सिंगल यूज प्लास्टिक कैरीबैग की रफ्तार

जागरण संवाददाता, राची : लॉकडाउन के तीन माह में सिंगल यूज प्लास्टिक का दौर फिर से शुरू हो चुका है। इस तीन माह के दौरान जरूरतमंदों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए सिंगल यूज कैरीबैग का खूब इस्तेमाल हुआ। अब हालात ऐसे हैं कि किराना दुकान, सब्जी मार्केट, फल दुकान व ठेलों पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक का चलन शुरू हो चुका है। सामान लेने से पहले लोगों की जुबान पर सबसे पहले यही वाक्य होता है, पॉलिथीन है ना। दुकानों में कपड़े की थैली उपलब्ध होने के बाद भी लोग पॉलिथीन को ही उपयुक्त मान रहे हैं। लॉकडाउन की इस समयावधि में राची नगर निगम की ओर से छापेमारी भी बंद कर दी गई है। नतीजतन लोग पूर्व में जारी किए गए फ रमान को भूल चुके हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति भी लोग चिंतित नहीं हैं। मीट, मछली की दुकानों पर तो जमकर इसका इस्तेमाल जारी है। --------------------- रिवर्स वेंडिंग मशीन का नहीं हो रहा उपयोग

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शहर में स्मार्ट डस्टबिन की तर्ज पर लगाए गए तीन रिवर्स वेंडिंग मशीन शो पीस बनकर रह गए हैं। 24 जनवरी 2017 को हरिओम टावर के समीप पहला रिवर्स वेंडिंग मशीन लगाई गई थी। पीपीपी मोड पर शहर के तीन प्रमुख स्थलों पर रिवर्स वेंडिंग मशीन लगाने के लिए राची नगर निगम ने जेलेनो कंपनी के साथ एकरारनामा किया था। अलबर्ट एक्का चौक व जीईएल चर्च कॉम्पलेक्स के समीप भी रिवर्स वेंडिंग मशीन लगाई गई थी। राची नगर निगम ने यह योजना प्लास्टिक बोतल को क्रश करने के लिए बनाई थी। हालाकि शहरवासियों ने अब तक इस मशीन का उपयोग नहीं किया। ------------------- राज्य सरकार का क्या है आदेश

झारखंड में प्लास्टिक कैरीबैग पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव सितंबर 2017 में कैबिनेट में पास किया गया, जिसकी अधिसूचना उसी माह जारी कर दी गई। उसमें कहा गया था कि राज्य में प्लास्टिक कैरीबैग का निर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, विक्रय और उपयोग पूर्ण प्रतिबंधित होगा। हालाकि खाद्य सामग्रियों, दूध व उसके अन्य उत्पादों की पैकेजिंग और नर्सरी के लिए इसका उपयोग हो सकेगा। निचले स्तर पर इस प्रतिबंध को लागू करने की जिम्मेदारी नगर निकायों और ग्राम पंचायतों को दी गई थी। इसका उल्लंघन करने पर कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की बात भी कही गई थी। शहर के साथ गाव की मिट्टी को भी प्रदूषित कर रहा प्लास्टिक :

बीएयू के मृद्दा विज्ञानी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि पिछले दो दशकों में प्लास्टिक के कारण शहर के बड़े इलाके की मिट्टी प्रदूषित हुई है। किसी भी इलाके में अगर मिट्टी का सैंपल लिया जाये तो उसमें सूक्ष्म रूप में प्लास्टिक के कण पाए जाएंगे। इससे शहर में उपजने वाले वनस्पतियों पर भी बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ ही मिट्टी का अपना इकोसिस्टम खत्म होता जा रहा है। मिट्टी में अपने पोषक तत्व पिछले दस सालों में 20 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक प्रदूषण के स्तर के आधार पर कम हुए हैं। कब कब हुई पॉलिथीन पर कार्रवाई :

11 मई 2018 : सिंह मोड़ स्थित मिष्ठान भंडार व ग्रॉसरी दुकान में छापेमारी। राज स्टोर नामक दुकान में 34 बंडल पॉलिथीन जब्त। 34 हजार रुपये जुर्माना। 19 मई 2018 : वी टू स्टोर में हुई थी छापेमारी। तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी ने दुकानदार पर 91,200 रुपये का किया था जुर्माना। - गीता फैशन स्टोर से 800 नन वूवेन पॉली प्रोपीलीन कैरीबैग जब्त। 16 हजार रुपये जुर्माना। 31 मई 2018 : पंजाब स्वीट हाउस में छापेमारी। 1240 प्रतिबंधित कैरीबैग जब्त। 24,800 रुपये जुर्माना। ------------------- - अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक राची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम ने पॉलिथीन, अतिक्रमण आदि से संबंधित विभिन्न मामलों में कुल 66,21,000 रुपये की वसूली की है। सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान वसूले गए जुर्माना की राशि भी इसी में शामिल है।

---------------------- ठोस कचरा प्रबंधन के तहत नई व्यवस्था में घर से निकलने वाले कूड़े के ढेर से प्लास्टिक को अलग करने की तैयारी की गई है। चयनित कंपनी के माध्यम से गीला व सूखा कचरा का अलग-अलग उठाव किया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। डॉ. किरण कुमारी

सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी, राची नगर निगम। ----------------------- लॉकडाउन व कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ छापेमारी बंद कर दी गई है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद छापेमारी शुरू की जाएगी।

रजनीश कुमार, उप नगर आयुक्त, राची नगर निगम। घास चरने वाले पशुओं के लिए प्लास्टिक सबसे बड़ा दुश्मन

पशु जब चारा चरने के लिए खेत या सड़क पर घुमते हैं तो अनजाने में वो प्लास्टिक को भी खा जाते हैं। ये प्लास्टिक उनकी आत में जाकर स्टोर हो जाते हैं। उनके पेट में मौजूद इंजाइम उसे पचा नहीं पाते हैं। इससे उनका पेट भर जाता है। वो खाना नहीं खा पाते हैं। इसके साथ ही कई प्रकार की बीमारी हो सकती है।

डॉ सुशील प्रसादए डीन वेटनरी, बीएयू ....प्रतिक्रिया .........

हम किसी भी सामन के लिए झोले का इस्तेमाल करते हैं। ये हमारे भविष्य के लिए जरूरी है।

मोनी सिंह, गृहणी सरकार की कमजोरी की वजह से हर जगह प्लास्टिक उपलब्ध है।

श्रेया, छात्रा मैं घर से झोला साथ लेकर निकलता हूं। गाड़ी में झोला रखने से कभी प्लास्टिक बैग की जरूरत नहीं पड़ती है।

सूरज मुंडा, व्यवसायी मैंने एक आदत बना ली है। घर से बाहर जाने के लिए पानी की बोतल एक झोले में लेकर निकलता हुं। इससे कोई चीज लेनी होती है तो उसी में रख लेता हूं।

मोनू, व्यावसायी - राची में राज्य सरकार ने 16 नवंबर 2017 से पॉलिथीन कैरीबैग के उपयोग पर लगाया था प्रतिबंध 01 लाख रुपये व पाच साल की सजा का है प्रावधान है प्रतिबंधित पॉलिथीन का इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर

24 जनवरी 2017 को रांची में प्लास्टिक बोतल को क्रश करने के लिए रिवर्स वेंडिंग मशीन लगाई गई थी

03 जगहों पर रांची में प्लास्टिक बोतल क्रश करने के लिए मशीन लगाई गई, परंतु लोग उसका नहीं कर रहे उपयोग


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