Lockdown: दर्द से छटपटा रही गर्भवती को बंगाल पुलिस ने घंटों रोके रखा, एंबुलेंस में बच्चे का जन्म
Lockdown Extension बंगाल पुलिस का अमानवीय चेहरा शुक्रवार को सामने आया। जब प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती महिला के एंबुलेंस को घंटों रोके रखा गया।
रांची, जेएनएन। Lockdown Extension बंगाल पुलिस का अमानवीय चेहरा शुक्रवार को सामने आया। जब प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती महिला के एंबुलेंस को घंटों रोके रखा गया। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया, बल्कि थोड़ा और विलंब हो जाता, तो जच्चा व बच्चा दोनों की जान पर खतरा हो जाता। बच्चे के जन्म लेने के बाद रक्तस्राव को बढ़ता देख और महिला की हालत बिगड़ती देख पुलिस ने आनन-फानन में एंबुलेंस को जाने की अनुमति दी।
बताते चलें कि मुरी स्वर्णरेखा स्थित झारखंड पश्चिम बंगाल सीमा पर झालदा थाना के तुलीन निवासी राकेश गोराई की पत्नी सुनीता गोराई का प्रसव एंबुलेंस में ही हो गया। घर में प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उन्हें तुरंत एंबुलेंस में लेकर परिजन मुरी आ रहे थे। पश्चिम बंगाल सीमा पर रात के 9.00 बजे पहुंचे। बंगाल पुलिस ने उन्हेें लगभग एक घंटे सीमा पर ही रोक दी। महिला प्रसव पीड़ा से परेशान थी।
10.10 बजे रात को ही एंबुलेंस में ही शिशु को जन्म दे दिया। तब उसकी हालत बिगडऩे लगी। तब बंगाल पुलिस ने एंबुलेंस को आगे जाने दिया गया। महिला को लेकर मुरी सिंगपुर नर्सिग होम पहुंचा गया। यहां महिला का इलाज किया गया। नर्सिंग होम के डॉ. रमणेश प्रसाद ने बताया कि कुछ देर और होती तो जच्चा बच्चा की जान जा सकती थी। उन्होंने बताया कि दोनों स्वस्थ हैं। बंगाल पुलिस ने गैर जिम्मेदाराना रवैये का परिचय दिया है।